Corruption News: मध्य प्रदेश के जबलपुर से बड़ी खबर है. यहां हुए पोषक आहार घोटाले की जांच कलेक्टर ने एसडीएम से कराई. जांच में महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों सहित 16 लोग दोषी पाए गए हैं. सभी को नोटिस जारी किया है.
जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में हुए पोषक आहार घोटाले में महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों सहित 16 लोग दोषी पाए गए हैं. इस घोटाले को लेकर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने SDM के नेतृत्व में जांच दल गठित किया था. जांच के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के 2 परियोजना अधिकारियों, 4 सुपरवाइजर और 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दोषी पाया गया है.
गौरतलब है कि SDM को जांच में पता चला कि आंगनबाड़ी के बच्चों को दिया जाने वाला पोषक आहार मिलीभगत से ग्राम खैरी स्थित सिडाना डेयरी में पहुंचा दिया गया. डेयरी से जब्त पोषक आहार की स्टॉक रजिस्टर में एंट्री अधूरी थी. पोषक आहार के रजिस्टर में भी हितग्राहियों के हस्ताक्षर नहीं थे. जांच करने वाली टीम को पता चला कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषक आहार ज्यादा मात्रा में हासिल किया. लेकिन, उन्होंने इसे दूसरे आंगनबाड़ियों को न देकर गलत तरीके से डेयरी पहुंचा दिया.
इन सभी के खिलाफ होगी कार्रवाई
मामले को लेकर SDM नमः शिवाय अर्जरिया ने कलेक्टर को कानूनी कार्रवाई के लिए आवेदन किया. इसके बाद कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने परियोजना अधिकारी रीतेश दुबे और श्रद्धा चौकसे के विरुद्ध संभाग आयुक्त को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा. पर्यवेक्षक रत्नावली शर्मा, श्वेता तिवारी, वर्षा साहू एवं सविता अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसी तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रंजना श्रीवास्तव, किस्बा अंजुम, पिंकी कश्यप, शिवांसी ठाकुर, सुरेखा राठौर, प्रेमलता, श्रद्धा कोरी, रीती सिंह, माया गौतम एवं श्रद्धा सोनकर को सेवा समाप्त किए जाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कलेक्टर ने प्रकरण में दोषी पाए गए पार्वती स्व-सहायता समूह एवं गौरी स्व-सहायता को ब्लैकलिस्ट कर उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए हैं.
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