सार
राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद पुरस्कार वित्तीय भत्ते के चेक समेत पदक और प्रमाण पत्र संबंधित प्राधिकारियों के पास भेजे जाएंगे। वे अपने संस्थानों में फ्रंट लाइन वर्करों को वितरित करेंगे।
विस्तार
आपदा की घड़ी में लोगों की जान बचाने वाले फ्रंट लाइन वर्करों को जीवन रखा शृंखला पदक दिलाने के लिए अब प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेज के प्राचार्य मदद करेंगे। केंद्र सरकार की ओर से ऐसे फ्रंट लाइन वर्करों को पुरस्कृत किया जाएगा।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने एक आदेश जारी कर विश्वविद्यालय के वीसी और संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को फ्रंट लाइन वर्करों की पहचान कर उन्हें यह पुरस्कार दिलाने के लिए कहा है। अधिसूचना में यूजीसी की ओर से कहा गया कि लोगों द्वारा जान बचाए जाने के अलग कृत्यों की सूचनाएं मीडिया के माध्यम से मिलती हैं। हालांकि कई बार ऐसे लोगों जानकारी के अभाव में पुरस्कार से वंचित रह जाते हैं।
आयोग के सचिव रजनीश जैन ने कॉलेज के प्राचार्यों और विश्वविद्यालय के वीसी को आदेेश दिया है कि संस्थानों के क्षेत्रों के दायरे में पाए जाने वाले फ्रंटलाइन वर्करों की पहचान कर उनका नाम पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाना होगा। बताया कि ऐसे फ्रंटलाइन वर्करों का पूरा सत्यापन किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ पुलिस वेरीफिकेशन भी जरूरी है। इसके बाद उनके दस्तावेज सलंग्न कर साइट पर दी गई मेल पर 30 सितंबर तक भेजना होगा।