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पंजाब कैबिनेट में भारी फेरबदल की तैयारी, कैप्‍टन ने प्रशांत किशाेर संग बनाई रणनीति, जानें कौन होंगे बाहर और किसकी एंट्री

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्‍तार के बाद अब पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में बड़े फेरबदल के संकेत हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात के उपरांत पंजाब कैबिनेट में भारी फेरबदल की तैयारी है। कैप्‍टन ने सोनिया से मुलाकात के बाद प्रमुख रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ रणनीति पर चर्चा की। माना जा रहा है कि कुछ दिग्‍गज मंत्रियों की छुट्टी होगी और कुछ नए चेहरे कैबिनेट में शामिल किए जाएंगे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुखालफत करने वाले माझा के तीन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। उधर, नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान नहीं बल्कि कांग्रेस की चुनाव स्‍क्रीनिंग कमेटी का सदस्‍य व कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाने की चर्चाएं हैं।

प्रशांत किशोर ने की दिल्ली में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात

वहीं, बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके प्रधान सलाहकार व प्रमुख रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ दिल्ली में बैठक की। करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने भविष्य की रणनीति को लेकर चर्चा की।

मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थिति सरकारी आवास कपूरथला हाउस में हुई इस बैठक को खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री की सोनिया गांधी के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद कांग्रेस का अंतर्कलह को लेकर स्थिति स्पष्ट होने लगी है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी ने एक बार फिर कैप्टन पर ही भरोसा जताया है।

इस बैठक के एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की। प्रशांत किशोर ने ही 2017 के चुनाव में अहम भूमिका अदा की थी। वहीं, पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर ने मंत्रिमंडल और प्रदेश कांग्रेस में भारी फेरबदल का प्रस्ताव रखा था। इस पर सोनिया गांधी ने अपनी सहमति दे दी है। ऐसे में चर्चा है कि जल्द ही पंजाब कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है।

माना जा रहा है कि अगर पार्टी हाईकमान शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला को प्रदेश प्रधान की कमान सौंपने पर राजी हो जाती है तो सिंगला कैबिनेट से इस्तीफा दे देंगे। सिंगला खुद भी शिक्षा विभाग छोड़ना चाहते है। पंजाब में आम धारणा है कि शिक्षा मंत्री अगला चुनाव नहीं जीतता है। सबसे बड़ा महकमा होने के कारण शिक्षा मंत्री की मुखालफत भी ज्यादा होती है। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान को ही करना है।

वहीं, अगर सिंगला की सीट खाली होती है तो पंजाब कैबिनेट में पांच बदलाव हो सकते है। मुख्यमंत्री माझा के तीन मंत्रियों से इस्तीफा भी ले सकते है, जिन्होंने मुख्यमंत्री की मुखालफत भी की थी। वहीं, अरुणा चौधरी को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। वहीं, राजकुमार वेरका को कैबिनेट में स्थान मिल सकता है।

वहीं, दोआबा से संगत सिंह गिलजियां को भी कैबिनेट में एडजस्ट किया जा सकता है। यह तीनों ही बदलाव मुख्यमंत्री की रणनीति के तहत होगा। क्योंकि अरुणा चौधरी दलित कोटे से आती है। चरणजीत सिंह चन्नी भी डिप्टी सीएम बनने की होड़ में थे। जबकि चन्नी मुख्यमंत्री की पसंद नहीं है।

ऐसे में मुख्यमंत्री दलित को डिप्टी सीएम बना कर प्रतिनिधि भी दे देंगे और चन्नी कोई रोष भी व्यक्त नहीं कर पाएंगे। वहीं, वेरका के कैबिनेट में आने से वाल्मीकि समाज और गिलजियां को कैबिनेट में एडजस्ट करके ओबीसी वर्ग को भी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

सिद्धू संगठन नहीं कमेटी में होंगे एडजस्ट

नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी न तो सरकार में और न ही संगठन में एडजस्ट करेगी। माना जा रहा है कि सिद्धू को कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य और कंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया जा सकता है। हालांकि 2022 के विधान सभा चुनाव में सिद्धू की महत्ता बढ़ जाएगी। टिकट बंटवारे से लेकर पार्टी के कंपेन तक में सिद्धू की भूमिका रहेगी। सिद्धू को पूर्व में पार्टी प्रदेश प्रधान की कमान सौंपना चाहती थी लेकिन कांग्रेस का अंतर्कलह के कांग्रेस के नेताओं ने जिस प्रकार से सिद्धू के खिलाफ बोला, उसे देखते हुए पार्टी अब यह समझने लगी है कि प्रदेश की कमान अगर सिद्धू के हाथों में सौंपी गई तो पार्टी को नुकसान हो सकता है।

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