सार
वैशाली के अरविंद कुमार 29 मई को निगेटिव रिपोर्ट के साथ पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे। 5 जून को जांच में पॉजिटव मिला। संक्रमित को लेकर हड़कंप मचा है। अब संपर्क में आए मरीज और हेल्थ वर्करों की जांच होगी।
विस्तार
बिहार में दो महीने में दो बार कोरोना अटैक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पटना के पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के बाद मरीज कोरोना संक्रमित हो गया। मामला उजागर होने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। डॉक्टर से लेकर मरीज तक सब हैरान हैं। यह पहला मामला है, जब ब्लैक फंगस के बाद मरीज को कोरोना संक्रमण हुआ है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 5 जुलाई को संक्रमित मरीज को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया गया है। दूसरी तरफ संपर्क में आए मरीजों के साथ करीब 50 हेल्थ वर्करों की कोरोना जांच कराने की तैयारी की जा रही है।
43 साल के अरविंद कुमार वैशाली के रहने वाले हैं। वह नियोजित टीचर हैं, 29 अप्रैल 2021 को वह कोरोना संक्रमित हो गए। घर में ही रहकर इलाज कराया। इस दौरान स्टेरायड का काफी इंजेक्शन लिया। कोरोना रिपोर्ट तो उनकी निगेटिव आई , लेकिन वह ब्लैक फंगस के शिकार हो गए। 29 मई 2021 को उन्हें पीएमसीएच में भर्ती किया गया। कोरोना की जांच हुई जिसमें वह निगेटिव पाए गए।
प्राइवेट अस्पताल में दो बार कराया ऑपरेशन
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ऑपरेशन की सुविधा नहीं होने से मरीज की हालत बिगड़ रही थी। प्राइवेट अस्पताल में वह दो बार ऑपरेशन कराए। अरविंद ने बताया कि पटना के रूबन हॉस्पिटल में दोनों बार ऑपरेशन कराया था। पहला ऑपरेशन 4 जून को 85 हजार रुपए देकर कराया और दूसरी बार 17 जून को 70 हजार देकर ऑपरेशन कराया। ऑपरेशन के बाद वह फिर पीएमसीएच में भर्ती हुए। कोरोना को मात देने के बाद ब्लैक फंगस के इलाज के दौरान अरविंद की 4 बार कोरोना जांच हुई, हर बार रिपोर्ट निगेटिव आई।
अस्पताल में मचा हड़कंप
पीएमसीएच के डॉक्टरों ने छुट्टी देने से पहले कोरोना की जांच की गई, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई । इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। डॉक्टरों ने आनन फानन में संक्रमित अरविंद को कोरोना वार्ड में शिफ्ट करा दिया।