डेल्टा वेरिएंट की वजह से दुनिया के कई देशों का हाल बुरा हो रहा है। महामारी से उबरने की सोचने वाले देशों के लिए भी ये एक मुश्किल घड़ी है। दुनिया के 98 देशों में इस वेरिएंट के मिलने की पुष्टि अब तक हो चुकी है।
नई दिल्ली (एजेंसियां) पूरी दुनिया में डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अब तक इसके 98 देशों में मामले सामने आ चुके हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, फिजी में संक्रमण से होने वाली मौतों की वजह से यहां के सबसे बड़े अस्पताल की मॉर्चरी पूरी तरह से फुल हो गई है। यहां पर अब शवों को रखने की जगह नहीं बची है। मंत्रालय के मुताबिक, यहां पर अप्रैल से शुरू हुई महामारी की दूसरी लहर में 28 लोगों की मौत हो चुकी है। सुवा स्थित औपनिवेशिक युद्ध स्मारक अस्पताल को फिलहाल कोविड-19 अस्पताल के रूप में काम कर रहा है। शवों की संख्या बढ़ने की सूरत में मंत्रालय ने आदेश दिया है इनके अंतिम संस्कार तेजी से किया जाए, नहीं तो इससे नुकसान का खतरा है।
आपको बता दें कि डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ने के बाद फिजी ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया था। यहां पर रविवार को पहली बार सर्वाधिक 522 मामले सामने आए थे। आपको बता दें कि यहां की जनसंख्या केवल 9 लाख है। यहां की करीब 54 फीसद आबादी को कोरोना की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि 9 फीसद लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। यहां पर एस्ट्राजेनेका और सिनोफार्म वैक्सीन दी जा रही है। गौरतलब है कि डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला भारत में सामने आया था।
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, थाईलैंड में करीब 70 फीसद मामलों के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार रहा है। वहीं पुर्तगाल में मई में इसके करीब 5 फीसद मामले सामने आए थे जो पिछले माह बढ़कर 56 फीसद तक पहुंच गए हैं। यॉनहॉप के मुताबिक दक्षिण कोरिया में भी डेल्टा वेरिएंट के 700 मामले सामने आने के बाद इसके फैलने का खतरा बढ़ गया है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अफ्रीका महाद्वीप में 38 से अधिक देशों में इस वेरिएंट के मामले सामने आने की पुष्टि की जा चुकी है। यहां पर इससे होने वाली मौतों का भी आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। एएफपी के मुताबिक, ये आंकड़ा अब 3 हजार के आसपास पहुंच चुका है।
ऑस्ट्रेलिया में डेल्टा वेरिएंट के खतरे के मद्देनजर आगामी दो दिन काफी गंभीर बताए गए है। यहां पर 16 जून से अब तक इसके करीब 300 मामले सामने आ चुके हैं। 9 जुलाई तक ये साफ हो जाएगा कि किन जगहों पर लॉकडाउन लगा रहेगा और कहांं से ये हटा लिया जाएगा।
इंडोनेशिया भी में भी लगातार डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। शनिवार को यहांं अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने की वजह कई लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने इंडस्ट्री को ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट के मामले 50 हजार के पार हो चुके हैं। वहीं, रूस में नए मामलों के अलावा हर रोज इसकी वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। यहां पर लगातार पांचवें दिन 600 से अधिक मौत हुई हैं। शनिवार को यहां पर 697 लोगों की मौत हुई थी। एएफपी के मुताबिक, रूस की 16 फीसद आबादी को ही अब तक कोरोना वैक्सीन दी गई है। एजेंसी के मुताबिक राजधानी मास्को में बने वैक्सीनेशन सेंटर पर कई जगह वैक्सीन लगवाने वालों की लंबी कतार देखने को मिली है।
वहीं, इंडोनेशिया में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों सरकार की चिंता बढ़ा दी है सरकार ने 25 हजार नए मामले और 539 मौतों के बाद आंशिक तौर पर लॉकडाउन लगाया है। जिन जगहों पर लॉकडाउन लगा है उनमें जकार्ता, जावा और बाली शामिल हैं। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इंडोनेशिया में हर रोज सामने आने वाले मामलों में 80 फीसद के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है। यहां पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से रविवार को शनिवार को 63 लोगों की मौत हो गई थी। इजरायल में इसको देखते हुए फिर से लोगों को मास्क लगाने के आदेश दिए गए हैं।
म्यांमार के मांडले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है। ईरान ने भी बढ़ते मामलों के मद्देनजर लोगों को हर एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। यहां पर महामारी की पांचवीं लहर आने की आशंका का खतरा जताया जा राह है। राष्ट्रपति रूहानी ने देश के दक्षिण प्रांत में डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है।
आईएएनएस ने इरानियन स्टूडेंट न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया है कि ईरान में डेल्टा वेरिएंट की वजह से महामारी की पांचवीं लहर का खतरा बढ़ गया है। इसको देखते हुए तेहरान समेत अन्य जगहोंं के लिए अलर्ट जारी किया गया है। तेहरान समेत कुल 92 शहरोंं के लिए रेड अलर्ट और 183 के लिए औरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसका अर्थ है कि यहां पर इस वेरिएंट का खतरा कहीं अधिक है।
भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभाव इसी वेरिएंट का देखने को मिला था। महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत में हर रोज आने वाले नए मामले 4 लाख के पार हो गए थे। हालांकि, अब भारत में दूसरी लहर का प्रकोप लगातार कम हो रहा है।