सार
राज्य में पावर मैनेजमेंट कंपनियों ने 2629 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है, जिसकी भरपाई के लिए 6.23 फीसदी इजाफे की अनुमति मांगी थी। हालांकि, आयोग ने इजाफे की मांग को 10 गुना कम कर दिया।
विस्तार
लगातार बढ़ती महंगाई के बीच मध्यप्रदेश के लोगों को एक और झटका लगने वाला है। राज्य सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत फिक्स चार्ज में इजाफा किया जाएगा। नई दरें आठ जुलाई से लागू होंगी।
इतनी महंगी हो जाएगी बिजली
जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश में विद्युत कंपनियों ने बिजली बिल में 6.23 फीसदी के इजाफे का प्रस्ताव दिया, लेकिन आयोग ने 0.63 फीसदी की बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी है। अब नियामक आयोग से मंजूरी मिलते ही राज्य में आठ जुलाई से नया टैरिफ प्लान लागू हो जाएगा। दरअसल, आयोग ने सिर्फ फिक्स चार्ज में ही इजाफा किया है।
कंपनियों ने रखा था यह प्रस्ताव
बताया जा रहा है कि राज्य में पावर मैनेजमेंट कंपनियों ने 2629 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है, जिसकी भरपाई के लिए 6.23 फीसदी इजाफे की अनुमति मांगी थी। हालांकि, आयोग ने इजाफे की मांग को 10 गुना कम कर दिया। दरअसल, पावर मैनेजमेंट कंपनियों ने 44,403 करोड़ का सकल राजस्व बताया, लेकिन आयोग ने 42,402 करोड़ ही मान्य किया। साथ ही, 264 करोड़ का सकल खर्च बढ़ाने की अनुमति दे दी, जिसकी वसूली फिक्स चार्ज से की जाएगी।
किस पर कितना भार?
बताया जा रहा है कि 0-50 यूनिट तक के फिक्स चार्ज में 4.13 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं, 51-150 यूनिट तक की खपत करने वाले उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज में 5.05 रुपये किया गया है। 151-300 यूनिट तक उपभोग करने वालों का फिक्स चार्ज 6.45 रुपये बढ़ा है। 300 से अधिक यूनिट इस्तेमाल करने वालों का फिक्स चार्ज 6.65 रुपये बढ़ाया गया है।
यूनिट के हिसाब से इतना बढ़ेगा बिल
बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, जो उपभोक्ता हर महीने 50 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं, उनका बिल चार रुपये तक बढ़कर आएगा। 51-150 यूनिट तक खर्च करने वालों को आठ रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इसके अलावा 151-300 यूनिट तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं का बिजली बिल 20 रुपये तक बढ़कर आएगा।
इन लोगों को मिलेगा फायदा
बता दें कि बिजली विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए उच्च वोल्टेज ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन की विद्युत दर में कमी की है। यहां दर 120 रुपये प्रति केवीए से घटाकर 100 रुपये प्रति केवीए कर दी गई है। साथ ही, अतिरिक्त बैटरी स्वेपिंग स्टेशन को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके अलावा प्रीपेड मीटरिंग, अग्रिम देय भुगतान, त्वरित देय भुगतानों, ऑनलाइन देय, भार कारक और ऊर्जा कारक पर दी जा रहीं छूट जारी रहेंगी।