Son spends rs 1.3 lakh on mobile game in UK: ब्रिटेन के रहने वाले डॉक्टर मुहम्मद मुतासा के बेटे अशाज ने राइज ऑफ बर्क (Rise-of-Berk) नाम का गेम खेला था तभी उसने कई महंगे टॉप अप्स खरीद डाले. मेल पर जब डॉक्टर पिता ने बिल देखा तो उनके होश उड़ गए.
लंदन: मोबाइल फोन खास तौर पर स्मार्टफोन (Smartphone) हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. शायद ही कोई ऐसा हो जो इसे खुद से दूर करना चाहता हो. इसका नतीजा ये है कि माता-पिता की देखा-देखी छोटे बच्चे भी इसके आदी हो गए हैं. कुछ मां-बाप बच्चों को बहलाने के लिए भी उन्हें मोबाइल थमा देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों को मोबाइल देना उनकी सेहत के लिए खतरनाक होने के साथ आपको तगड़ा आर्थिक नुकसान भी करा सकता है.
दरअसल ब्रिटेन (UK) में एक पिता को अपनी कार बेचनी पड़ गई. सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को करीब एक घंटे गेम खेलने के लिए अपना आईफोन (iPhone) दिया था. जिसके बाद आईट्यून्य का 1800 डॉलर (करीब 1 लाख 33 हजार रुपये) का बिल आ गया. सात साल के बच्चे ने मोबाइल में गेम खेलते-खेलते 1.3 लाख का ट्रांजैक्शन कर दिया. इसकी जानकारी उसके पिता को तब हुई, जब ईमेल पर बिल की कॉपी आई. इस बिल को भरने के लिए मजबूर पिता को अपनी कार तक बेचनी पड़ गई.
‘Dragons-Rise-of-Berk’ खेल रहा था बच्चा
द सन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के रहने वाले डॉक्टर मुहम्मद मुतासा के बेटे अशाज मुतासा ने राइज ऑफ बर्क (Rise-of-Berk) नाम का गेम खेला था. इस दौरान उसने कई महंगे टॉप अप्स खरीद डाले. ईमेल पर बिल आया तो डॉक्टर पिता के होश उड़ गए जो अपनी पत्नी फातिमा और बेटे अशाज व बेटी अरीफा और आलिया के साथ रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर एक के बाद एक लगातार 29 ई-मेल आए. तब उन्हें लगा कि वो किसी ऑनलाइन साइबर क्राइम का शिकार हुए हैं.
इस तरह हुआ खुलासा
हालांकि जब उन्होंने गहराई से पड़ताल की तब उन्हें पूरा माझरा समझ आ गया. डॉक्टर मुहम्मद को ये घटनाक्रम इतना महंगा पड़ा जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. क्योंकि आईट्यून्स के बिल के भुगतान के लिए उन्हें अपनी कार तक बेचनी पड़ी. पीड़ित डॉक्टर ने कहा, ‘बच्चे से अनजाने में हुई इस गलती को लेकर कंपनी ने मुझे लूट लिया वो मेरे बच्चे को भी शिकार बनाने में सफल रहे. बच्चों के गेम पर इतना पैसा खर्च हो सकता है मैं इस बारे में नहीं जानता था.’
एप्पल ने की खानापूर्ति
डॉक्टर मुहम्मद ने बताया कि एप्पल को जब इस पूरे घटनाक्रम के बारे में ई-मेल किया तो कंपनी ने उन्हें सिर्फ 287 डॉलर (करीब 21 हजार रुपये) रिफंड करके अपना पल्ला झाड़ लिया. एप्पल ऐसी बड़ी हाईटेक कंपनी का ये मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ क्योंकि इस खानापूर्ति के बाद भी उन्हें बाकी बिल भरने के लिए मजबूरन अपनी कार बेचने पर विवश होना पड़ा.
ये कोई पहला मामला नहीं
बच्चों के ऑनलाइन गेम्स के चक्कर में मोटी रकम चुकाने का यह पहला मामला नहीं है. पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जब बच्चों के मोबाइल पर गेम्स खेलने के कारण लोगों को मोटी रकम चुकानी पड़ी है. चीन में कुछ वक्त पहले एक बच्ची ने 100 नूडल्स बाउल का ऑर्डर दे दिया था. जबकि उसे सिर्फ एक का ऑर्डर देना था. वहीं अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक चार साल के बच्चे के कारण 2,618 डॉलर से अधिक का सामान खरीद डाला था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चों को ज्यादा देर तक मोबाइल फोन देना सही नहीं है. ऐसा करने से वास्तविक रूप से बच्चे में उसकी उम्र के हिसाब जो विकास होना चाहिए, उसमें कहीं न कहीं कमी आ जाती है. इससे बच्चों की आंखें सीधे प्रभावित होने से उन्हें जल्दी चश्मा लगने, आंखों में जलन और सूखापन, थकान जैसी दिक्कतें सामने आती रहती हैं.