JBT Recruitment Scam: शिक्षक भर्ती मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने वर्ष 2013 में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 53 लोगों के खिलाफ सजा सुनाई थी.
चंडीगढ़. हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ आने वाला है. जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT Recruitment Scam) में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला (Chaudhary Om Prakash Chautala) की सजा पूरी हो गई है. औपचारिक तौर पर ओमप्रकाश चौटाला आज तिहाड़ जेल से रिहा होंगे. ओमप्रकाश चौटाला की स्पेशल रिमिशन मंजूर कर दी गई है. बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला दिल्ली के तिहाड़ जेल में जेबीटी घोटाला मैं 10 साल की सजा काट रहे थे. सजा पूरी होने से 6 महीने पहले ही वो जेल से रिहा होंगे. स्पेशल छूट की वजह से सजा 6 महीने कम की गई है.
पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने अपनी उम्र और दिव्यांगता के आधार पर जेल से रिहाई की मांग की थी. इससे पहले दायर याचिका में चौटाला ने केंद्र सरकार के 18 जुलाई, 2018 की अधिसूचना का हवाला दिया था. अधिसूचना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र पार कर चुके पुरुष, 70 फीसदी वाले दिव्यांग व बच्चे अगर अपनी आधी सजा काट चुके हैं तो राज्य सरकार उसकी रिहाई पर विचार कर सकती है.
बता दें कि रोहिणी स्थित विशेष सीबीआई जज विनोद कुमार ने अपने फैसले में इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था. वर्ष 1999-2000 के दौरान 3206 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के इस मामले में पूर्व आईएएस संजीव कुमार, पूर्व आईएएस विद्याधर, मौजूदा विधायक शेर सिंह बडशामी और 16 महिला अधिकारियों को भी दोषी करार दिया था. संजीव कुमार ने ही सबसे पहले इस घोटाले का खुलासा किया था, लेकिन सीबीआई जांच में वह खुद भी इसमें लिप्त पाए गए.
विद्याधर तब चौटाला के ओएसडी थे, जबकि बडशामी उनके राजनीतिक सलाहकार थे. संजीव कुमार ने वर्ष 2003 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. सीबीआई ने वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेबीटी मामले की जांच शुरू की थी. जांच एजेंसी ने 2008 में कुल 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई अदालत ने जुलाई 2010 में आरोप तय किए थे. मामले की सुनवाई करीब ढाई साल पहले सीबीआई अदालत में शुरू हुई थी.