महान संगीतकार राहुल देव बर्मन (RD Burman) का जन्म 27 जून, 1939 को कोलकाता में में हुआ था. अपने संगीत से उन्होंने फिल्म संगीत को सिर्फ देश में ही नहीं, पूरी दुनिया मे पहचान दिलाई. आरडी बर्मन के जन्मदिवस पर उनके चाहने वाले उन्हें याद कर रहे हैं.
मुंबईः राहुल देव बर्मन उर्फ आरडी बर्मन (RD Burman) या पंचम दा का नाम भरतीय फिल्म जगत में हमेशा याद रखा जाएगा. आरडी बर्मन (RD Burman Birth Anniversary) देश के सर्वोत्तम संगीतकार थे, जिन्होंने अपनी अनूठी संगीत रचनाओं से कई भारतीयों के दिलों पर राज किया. महान संगीतकार राहुल देव बर्मन का जन्म 27 जून, 1939 को कोलकाता में में हुआ था. अपने संगीत से उन्होंने फिल्म संगीत को सिर्फ देश में ही नहीं, पूरी दुनिया मे पहचान दिलाई. आरडी बर्मन के जन्मदिवस पर उनके चाहने वाले उन्हें याद कर रहे हैं. सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने भी पंचम दा के जन्मदिवस पर उन्हें याद किया है.
लता मंगेशकर ने आरडी बर्मन को याद करते हुए एक ट्वीट किया है, जिसमें वह लिखती हैं- ‘आरडी बर्मन को कौन नहीं जानता. वो जन्म से राजपुत्र था और संगीत का वो राजा था. आज उसकी जयंती है. मैं उसकी याद को और उसके संगीत को विनम्र अभिनंदन करती हूं.’
लता मंगेशकर ने आरडी बर्मन के जन्मदिवस पर उनसे जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है. लता मंगेशकर ने आरडी बर्मन को याद करते हुए उनके सुपरहिट सॉन्ग ‘बाहों में चली आ’ से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है. लताजी याद करती हैं, “जब मैंने फिल्म में गाने की स्थिति सुनी तो मेरे लिए यह बहुत साफ था कि गाना बहुत धीरे से गाया जाना था. नायिका जया भादुरी (जया बच्चन) संजीव कुमार के लिए गा रही हैं जबकि घर में सभी लोग सोए हुए हैं. अगर वह तेज गाएंगी तो घर में सभी जाग जाएंगे.”
लता मंगेशकर आगे कहती हैं- ‘इसलिए गाने के जरिए भावनाओं को बहुत ही कोमलता से व्यक्त करना था. ये गाना मेरे पर्सनल फेवरेट्स में से एक है. अपने लाइव कॉन्सटर्ट्स में मैं अक्सर ये गाना गाती हूं.’ वहीं अमर प्रेम के ‘रैना बीती जाए’ को याद करते हुए लता मंगेशकर कहती हैं- ‘भारतीय शास्त्रीय संगीत को लेकर पंचम दा का नॉलेज काफी ज्यादा था. वह संगीत के बारे में उतना ही जानते थे जितना कि उसके महान पिता. उनके करियर का पहला गीत शास्त्रीय आधारित ‘घर आजा घिर आए बदरा’ था, जिसे मैंने गाया था.’