गृह विभाग ने इसको लेकर गजट नोटिफिकेशन (Gazette Notification) जारी कर दिया है. इस गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से 42 जिलों में महिला थाने स्थापित किए गए हैं.
भोपाल. मानव तस्करी (Human Trafficking) से निपटने के लिए मध्यप्रदेश की महिला पुलिस (Women Police) को जिम्मेदारी दी गई है. सरकार ने उन पर भरोसा जताया है. इसको लेकर अब गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब प्रदेश के महिला थानों में मानव तस्करी से जुड़े मामलों की जांच हो सकेगी. इससे पहले यह जिम्मेदारी व्यवस्थित रूप से सीआईडी (CID) के पास हुआ करती थी. लेकिन अब सरकार ने मानव तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए इसकी जिम्मेदारी प्रदेश की महिला थानों को दी है. यह जिम्मेदारी इसलिए दी गई है, क्योंकि मानव तस्करी के अधिकांश मामले महिला और बच्चों से जुड़े होते हैं. ऐसे में महिला थाना पुलिस इन मामलों को अच्छे से टेकल कर सकती है.
42 थाने मानव तस्करी रोधी इकाई बनी
गृह विभाग ने इसको लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से 42 जिलों में महिला थाने स्थापित किए गए हैं. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह थाने मानव तस्करी रोधी इकाई के रूप में भी कार्य करेंगे. धार, छतरपुर, देवास, बालाघाट, विदिशा, खरगौन, बैतूल, मुरैना, शहडोल, छिंदवाड़ा, राजगढ़, रायसेन, गुना, होशंगााद, सिवनी, शिवपुरी, सीहोर, खंडवा, भिंड, सिंगरौली, सीधी, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, अनूपपुर, मंदसौर, नरसिंहपुर, डिंउौरी, अशोकनगर, दतिया, शाजापुर, अलीराजपुर, हरदा, बड़वानी, मंडला, नीमच, उमरिया, बुरहानपुर, झाबुआ, अगर मालवा, श्योपुर और निवाड़ी में महिला थानों को मानव तस्करी इकाई बनाया गया है.
सिर्फ बड़े महानगरों में है महिला थाने
10 अगस्त 1987 में पहला महिला थाना भोपाल में स्थापित किया गया था. इसके बाद बड़े महानगरों में ही महिला थाने थे. लेकिन अब महिला अपराधों और महिलाओं की समस्याओं को सुनने के लिए सरकार 42 नए महिला थाने स्थापित कर रही है और इन्हीं महिला थानों को अब मानव तस्करी यूनिट भी बनाया गया है.