सार
मिली जानकारी के अनुसार, कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बाद से ही कई राज्य सरकारों के अधिकारी मध्यप्रदेश सरकार से संपर्क में है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों के अधिकारियों द्वारा मध्यप्रदेश के वैक्सीन मॉडल को लेकर जानकारी मांगी गई हैं। इन राज्य सरकारों को पूरे अभियान की बिंदुवार जानकारी भेज दी गई है…
विस्तार
गेहूं खरीदी में रिकार्ड बनाने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब कोविड टीकाकरण का रिकार्ड बनाने के लिए सुर्खियों में हैं। मध्यप्रदेश में एक दिन में हुए रिकॉर्ड वैक्सीनेशन की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। यहां तक कि शिवराज के ताबड़तोड़ टीकाकरण के फार्मूले ने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी हैरान कर दिया। कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों ने भी इस पर शिवराज सरकार से मशविरा करना शुरू कर दिया है। भाजपा शासित राज्य तो पीएम की तारीफ के बाद मध्यप्रदेश से सीख ले रहे हैं।
अमर उजाला को मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बाद से ही कई राज्य सरकारों के अधिकारी मध्यप्रदेश सरकार से संपर्क में है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों के अधिकारियों द्वारा मध्यप्रदेश के वैक्सीन मॉडल को लेकर जानकारी मांगी गई हैं। इन राज्य सरकारों को पूरे अभियान की बिंदुवार जानकारी भेज दी गई है।
राज्य लगातार ये जानकारी मांग रहे हैं कि अभियान को कैसे इतने बड़े पैमाने पर चलाया गया। इस अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए कितने दिनों की तैयारी लगी और कहीं कोई दिक्कत की स्थिति बनी तो इस दौरान उससे कैसे निपटा गया। इनमें कांग्रेस शासित राज्यों के अलावा भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं।
पीएम से मिलने के बाद ही तैयारियों में जुटे शिवराज
नाम न छापने के अनुरोध पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद ही सीएम शिवराज सिंह चौहान तैयारियों में जुट गए थे। उन्होंने दिल्ली से ही फोन पर अधिकारियों को टीकाकरण महाअभियान के लिए एक प्लान तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सीएम ने भोपाल पहुंचकर खुद मोर्चा संभाला लिया। स्वास्थ विभाग, गृह मंत्रालय और सामान्य प्रशासन विभाग समेत सभी अहम मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें टीकाकरण का प्लान तैयार किया गया।
शिवराज ने टीकाकरण के लिए खुद मोर्चा संभाला तो सरकारी अमले को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ समाज के सभी वर्गों का साथ भी लिया। सभी पंथ अनुयायियों को प्रेरित करने के लिए उनके धर्मगुरुओं की मदद ली तो मीडिया, सामाजिक संस्थाओं और विभिन्न संगठनों की भूमिका भी तय की। नतीजा रहा कि तय लक्ष्य से ज्यादा परिणाम मिले।
ऐसे चला महाअभियान
टीकाकरण महाअभियान के लिए राज्य में सात हजार केंद्रों पर 35 हजार कर्मचारी तैनात किए गये थे। मुख्यमंत्री चौहान सहित प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री और भाजपा के पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए सक्रिय रहे। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को दतिया, भोपाल और बुधनी (उनका विधानसभा क्षेत्र) में टीकाकरण अभियान में शामिल हुए। जबकि प्रदेश के मंत्रियों ने अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इस अभियान में भाग लिया।
शहर के हर सेंटर पर एक-एक प्रमुख व्यक्ति वैक्सीनेशन मोटिवेटर अर्थात टीकाकरण प्रेरक के रूप में तैनात किए गए। इसमें मंत्री, विधायक, जन-प्रतिनिधि, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य, धर्मगुरू, समाजसेवी, कलाकार, खिलाड़ी, साहित्यकार, पत्रकार, विश्लेषक, पद्म पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, अधिकारी इत्यादि शामिल थे। जिन हस्तियों को सरकार ने वैक्सीन मोटिवेटर के रूप में आमंत्रित किया था। उन्होनें अपने स्तर पर सभी लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील भी जारी की थी।
महाअभियान को सफल बनाने के लिए सरकार के साथ भाजपा संगठन भी जुटा हुआ नजर आया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर जिला स्तर तक नेता और कार्यकर्ता वैक्सीनेशन महाअभियान में लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए पीले चावल देकर न्योता देते हुए भी नजर आए।
शिवराज के खाते में है कई अभियान
सीएम शिवराज खेती को लाभ का धंधा बनाने के अभियान में सफल हो चुके हैं। उन्हीं के नेतृत्व में ही राज्य को पांच वर्षों तक कृषि कर्मण अवार्ड मिला, वहीं पिछले साल गेहूं की पैदावार में मध्य प्रदेश ने पंजाब को पछाड़ दिया। पिछले कार्यकाल के दौरान शिवराज ने नर्मदा परिक्रमा यात्रा कर नदियों, जलस्रोतों के संरक्षण और पर्यावरण के लिए व्यापक पैमाने पर पौधारोपण को जन अभियान बना दिया था। इसके बाद स्वच्छता अभियान में भी इंदौर लगातार चार सालों से शीर्ष पर हैं। भोपाल भी दूसरे स्थान तक पहुंच चुका है।
कांग्रेस का आरोप चार दिन राज्य में नहीं लगी वैक्सीन
कांग्रेस ने सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। कांग्रेस का आरोप है कि सीएम ने टीकाकरण महाअभियान को सफल बनाने के लिए सरकारी मशीनरी ने 17 से 20 जून तक राज्य में टीकाकरण काफी कम कर दिया। कई स्थानों पर तो तैयारियों का हवाला देकर पूरी तरह बंद कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि 16 जून को जहां तीन लाख से अधिक लोगों को टीका लगा था वह अगले चार दिनों में कुछ हजार तक सिमट गया। इस तरह चार दिनों में लगने वाले टीकों को एकत्र कर रिकार्ड बनाने के लिए एक दिन में लगाया गया। ये खेल जब सामने आया तब 22 जून को केवल 4825 लोगों को ही टीका लग पाया।
गौरतलब है कि टीकाकरण अभियान के तहत सोमवार को सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन मध्यप्रदेश में हुआ है। यहां 16.70 लाख लोगों को टीका लगाया गया। यह किसी भी राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड है। इसके अलावा कर्नाटक में 11.11 लाख और उत्तर प्रदेश में 7.16 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई। दिल्ली में यह संख्या महज 76,282 रही।