Bihar News : पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो महीने बाद कोरोना के अलावा अन्य रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यहां का OPD बंद कर दिया गया था।
हाइलाइट्स:
- NMCH में दो महीने बाद गैर कोविड रोगियों का इलाज शुरू
- यहां जानिए OPD में कब दिखा सकते हैं
- पहले दिन आए 161 गैर कोरोना मरीज
- अस्पताल में घटी कोरोना पीड़ितों की संख्या
पटना:
कोरोना की दूसरी लहर के बीच दो महीने से बाकी मरीजों के लिए बंद पड़े NMCH में OPD सेवा बहाल कर दी गई है। नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ( NMCH ) ने गुरुवार को अपने सभी विभागों की ओपीडी को फिर से खोलकर अपनी सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से चालू कर दिया है।
पहले दिन आए 161 मरीज
पहले दिन 161 गैर कोविड रोगी इलाज के लिए NMCH आए। इनमें चिकित्सा, हड्डी रोग और फिजियोथेरेपी विभागों में से प्रत्येक में 25, स्त्री रोग विभाग में 21, नेत्र विभाग में 14 रोगी शामिल हैं।
एनएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बिनोद कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने बुधवार को ही ओपीडी सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी, आसपास के इलाकों के अधिकांश मरीज इससे अनजान थे। कुछ दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। अन्य सभी सेवाएं जैसे गैर-कोविड रोगियों के प्रवेश और सर्जरी को भी फिर से शुरू किया जाएगा।
घटी कोरोना पीड़ितों की संख्या
NMCH में कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या घटकर 35 हो गई है और इन सभी रोगियों को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसमें 94 रोगियों के लिए इलाज की क्षमता है। NMCH के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी अस्पताल में गैर-कोविड उपचार फिर से शुरू करने की मांग की थी। वहीं अस्पताल के ईएनटी विभाग में ब्लैक फंगस के पांच रोगियों का भी इलाज चल रहा है।
NMCH में नेत्र बैंक की भी तैयारी
इस बीच, एनएमसीएच प्रशासन ने एक नेत्र बैंक स्थापित करने के प्रोजेक्ट में तेजी लाने का फैसला किया है जो कोरोना का चलते प्रभावित हो गया था। डॉक्टर बिनोद के मुताबिक ‘हमने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख से अनुरोध किया है कि डोनरों से कॉर्निया लेने करने के लिए अस्पताल में नेत्र सहायक नियुक्त करें। एक अलग नेत्र भवन तैयार है और आवश्यक उपकरण भी लगाए गए हैं।’
नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ राजेश तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से स्थापित किए जा रहे नेत्र बैंक में आधुनिक सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि ‘प्रत्यारोपण से पहले डोनरों से लिए गए कॉर्निया की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा।’