क्या कोविड-19 चीन की लैब से लीक हुआ है, इसकी जांच करने को लेकर अमेरिका लगातार दबाव बना रहा है. इस मसले पर अब दोनों देशों के राजनयिकों के बीच तीखी बातचीत हुई है.
बीजिंग: अमेरिका (US) और चीन (China) के शीर्ष राजनयिकों के बीच तीखी बहस हुई है. बीजिंग ने कहा है कि उसने अमेरिका से दो टूक कह दिया है कि वह उसके आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी बंद करे. इसके अलावा चीन ने अमेरिका पर कोविड-19 (Covid-19) महामारी पैदा होने की जगह के मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया है.
फोन पर हुई बहस
चीन के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार यांग जिएची और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई. इसमें हांगकांग में स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने, शिंजियांग क्षेत्र में वीगर मुसलमानों को हिरासत में रखने जैसे कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इसके अलावा कोविड महामारी पर भी बात हुई. चूंकि अमेरिका चीन में कोरोना वायरस पैदा होने की जांच करने का दबाव बना रहा है और चीन के लिए यह मुश्किल भरा मामला है. कहा जा रहा है कि इसे लेकर ही दोनों के बीच तीखी बातचीत हुई है.
चीन पर पारदर्शिता बरतने का दबाव
यांग ने इन बातों को बकवास बताया और कहा कि चीन इन बातों से बेहद चिंतित है. सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में यांग के हवाले से कहा गया है, अमेरिका में कुछ लोग ने कोरोना वायरस के वुहान प्रयोगशाला (Wuhan Lab) से लीक होने की कहानियां बनाई हैं जिसे ले कर चीन बेहद चिंतित है. चीन अमेरिका से तथ्यों और विज्ञान का सम्मान करने, कोविड-19 की उत्पत्ति का राजनीतिकरण न करने और महामारी से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग पर फोकस करने की अपील करता है.
वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्लिंकन ने वायरस पैदा होने की जगह को लेकर पारदर्शिता बरतने और सहयोग करने की जरूरत पर जोर दिया. इसमें चीन में विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों की अगुवाई में दूसरे चरण की जांच शामिल है.