वास्तु और हमारे शास्त्रों में सोने से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं। कई बार हम पूरे दिन के थके हुए होते हैं और ऐसे ही जाकर सो जाते हैं। इसपर ध्यान नहीं देने से कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
वास्तु कहता है कि व्यक्ति किस दिशा में सोता है, इस बात का प्रभाव उसकी सेहत और आर्थिक स्थिति दोनों पर पड़ता है इसलिए सही दिशा में सोना आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं सोने के सही नियम और दिशा।
वास्तु के अनुसार पूर्व की दिशा की और सिर करके सोना शुभ रहता है। इस दिशा में सिर करके सोने से सकारात्मकता में बढ़ोत्तरी होती है। पूर्व दिशा की ओर सोने से पठन-पाठन में भी एकाग्रता बढ़ती है। वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके सोना भी लाभप्रद रहता है। इस दिशा की ओर सिर करके सोने से यश कीर्ति में बढ़ोत्तरी होती है।
वास्तु में वैसे तो उत्तर दिशा को बहुत ही शुभ दिशा माना गया है लेकिन इस दिशा की ओर सिर करके सोना स्वास्थय की दृष्टि से सही नहीं रहता है। इस दिशा की ओर सिर करके सोने से शरीर में रोग पनपते हैं।
दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोना भी फायदेमंद रहता है। इस दिशा में सिर करके सोने से नकारात्मक विचार नहीं आते हैं साथ ही तनाव भी नहीं रहता है। इसके अलावा दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है। किसी प्रकार से धन की कमी नहीं होती है।
शास्त्रों के अनुसार सोने के नियम
- कभी भी टूटी खाट, टूटे पलंग, मैले बिस्तर और जूठे मुंह नहीं सोना चाहिए।
- कभी भी निर्वस्त्र होकर नहीं सोना चाहिए।
- कभी भी सूने-निर्जन घर, श्मसान, मंदिर के गर्भगृह और अंधेरे कमरे में शयन नहीं करना चाहिए।