श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: कोरोना वायरस के संक्रमण की व्यापकता को जानने के लिए देश भर में चौथा सीरो सर्वे शुरू हो गया है। इसमें दक्षिण कश्मीर का पुलवामा जिला भी शामिल है। पिछले तीन चरणों में भी पुलवामा शामिल रहा है। पुलवामा में चौथा चरण इसी माह के तीसरे हफ्ते में शुरू हो रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर यह देश के उन्हीं 70 जिलों में कराया जा रहा है, जहां पहले तीन सीरो सर्वे हुए हैं। हालांकि, नया यह है कि इस बार छह वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को इसमें शामिल किया गया है। इस सर्वे से लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए बनी एंटीबाडी और उनकी इम्यूनिटी का पता लगाया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर इसे इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) द्वारा कराया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में सीरो सर्वे मेडिकल कालेज अस्पताल श्रीनगर में कम्यूनिटी मेडिसन विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डा. मोहम्मद सलीम खान ने बताया कि सीरो सर्वे के पहले तीन चरण बीते साल हो चुके हैं। पुलवामा प्रत्येक चरण में शामिल रहा है। प्रस्तावित सर्वे में छह साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग और पुलवामा के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत सभी स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी शामिल रहेंगे।
इस सर्वे के आधार पर ही देश में कोविड की मौजूदा स्थिति का पता चलेगा। डा. खान ने बताया कि कोविड के संक्रमण का पता लगाने के लिए पुलवामा में पिछले साल मई-जून, अगस्त-सितंबर और दिसंबर में सीरो सर्वे हुआ था। सीरो सर्वे का इसी माह शुरू होने जा रहा चौथा चरण अत्यंत अहम है। यह कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर और टीकाकरण के बीच हो रहा है। यह सर्वे भविष्य में कोरोना संक्रमण के उपचार में मददगार साबित होगा।
400 लोगों के सैंपल लिए जाएंगे: पुलवामा के जिला अधिकारी व अन्य संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को सर्वे के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने को कहा गया है। जिले में पहले ही चिह्नित 100 क्लस्टर में 400 लोगों के रक्त के नमूने लिए जाएंगे। इसके अलावा जिले में कार्यरत विभिन्न स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों में से 100 के रक्त के नमूने लिए जाएंगे।
यह है सीरो सर्वे: सीरो सर्वे सेरोलाजी टेस्ट के जरिए होता है। इस टेस्ट के जरिए इंसान के शरीर में खास संक्रमण के खिलाफ बनने वाली एंटीबाडी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। यह भी देखा जाता है कि क्या संबंधित व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अथवा इम्यून सिस्टम ने संक्रमण का जवाब दिया है और क्या उसे रोका है। इंसान के शरीर में दो तरह की एंटीबाडी बनती हैं, जिनमें आइजीएम और आइजीजी शामिल हैं।
ये दोनों ही संक्रमण के खिलाफ काम करती हैं। आइजीजी एंटीबाडी शरीर में लंबे समय तक रहती हैं। सीरो सर्वे दो चीजें दर्शाता है- पहली कि कितनी फीसदी आबादी वायरस की चपेट में आई है और दूसरा कौन से समूह में वायरस के लक्षण ज्यादा पाए गए हैं। यही वजह इस सर्वे को बाकी सर्वे से अलग बनाता है।