Corona Alert: हम कितने स्वस्थ हैं, इसके बारे में हमारे नाखूनों भी संकेत देते हैं. यूके के जोए कोविड स्टडी सेंटर के मुख्य शोधकर्ता टिम स्पेकटर ने कोविड नेल्स की पहचान की है. हालांकि, ये पहला मौका है जब हमें ‘कोविड’ नेल्स जैसे अजीब लक्षण का पता चला.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर दुनिया भर में हुई स्टडी के दौरान अलग-अलग लक्षण देखने को मिले. कोरोना के लक्षणों की सूची की शुरुआत सर्दी-जुकाम से शुरू हुई थी फिर सिरदर्द और डायरिया जैसे लक्षण भी इसमें शामिल हुए. कुछ समय बाद गंध और स्वाद का चले जाना इस बीमारी का सबसे अहम लक्षण बताया गया.वहीं आगे चलकर लोगों के बालों के झड़ने से लेकर जीभ और नाखूनों के जरिए भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई. ताजा शोध में एक्सपर्ट्स ने उन लक्षणों का संकेत दिया जो कोरोना से ठीक होने के बाद नाखूनों में दिखाई देते हैं.
‘कोविड नेल्स’
हम कितने स्वस्थ हैं, इसके बारे में हमारे नाखूनों भी संकेत देते हैं. यूके के जोए कोविड स्टडी सेंटर के मुख्य शोधकर्ता टिम स्पेकटर ने कोविड नेल्स की पहचान की है. हालांकि, ये पहला मौका है जब हमें ‘कोविड’ नेल्स जैसे अजीब लक्षण का पता चला. आइए आपको बताते हैं कि आप इसे कैसे पहचान सकते हैं. कोरोना संक्रमण से ठीक होने में कुछ समय लग सकता है. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी लंबे समय तक कुछ लोगों के शरीर में बहुत सारे लक्षण हो सकते हैं जो पोस्ट कोविड पीरियड में होने वाली परेशानियों की ओर इशारा करते हैं.
ब्यूज लाइन्स कहलाता है ये घटनाक्रम
यह लक्षण काफी कम मरीजों में देखने को मिलता है. ब्यूज लाइन्स या नाखूनों में बनने वाले खांचे, जिन्हें कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे लक्षण किसी भी उंगली या खासकर अंगूठे में बनते हैं, जब नाखूनों की लंबाई रुक जाती है. जब आप इनके ऊपर उंगली फेरते हैं तो आपको नेल्स के टेक्सचर में कुछ बदलाव महसूस होता है. हालांकि, अभी तक इस विषय पर गहराई से शोध की जरूरत है. वहीं दुनिया के कुछ और त्वचारोग विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को फ्लू, हाथ, पैर या मुंह की बीमारी थी. उनके नाखूनों में भी गड़बड़ी पाई गई है.
पिछले कुछ महीनों में त्वचा से जुड़ी एक और बात सामने आई है. शोधकर्ताओं ने इसे ‘रेड हॉप मून साइन’ का नाम दिया है. इसमें लाल रंग का एक बैंड के आकार की रचना नाखूनों की शुरुआत में दिखाई देती है. हांलाकि अभी तक यह पता नहीं लगाया जा सका है कि किस वजह से यह लक्षण दिखाई देता है. वहीं एक रिसर्चर का मानना है कि यह शारीरिक कमजोरी का लक्षण हो सकता है.
वैसे नाखूनों में बनने वाले ये खांचे या लाइनें चिंता का विषय नहीं हैं. हमारी उंगलियों के नाखून 6 महीने के अंदर पूरी तरह से वापस आ जाते हैं, जबकि अंगूठे के नाखून के वापस आने में 12 से 18 महीने तक का समय लग सकता है.
प्रतिक्रियाओं का दौर जारी
कोविड नेल्स को भी एक संभावित दुष्प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है, जहां नाखून संक्रमण के बाद धीरे-धीरे ठीक हो कर पहले जैसे हो जाते हैं. इस तथ्य का खुलासा होते ही रिसर्चर टिम स्पेक्टर की टिप्पणियों को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अपने अनुभव बयां किए जो जिसमें लोगों ने बताया कि कैसे कई हफ्तों के बाद उनके नाखून सामान्य अवस्था में वापस पहले जैसे दिखाई दिए.