सार
केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को देखने के लिए निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स) तैयार किया गया है। वर्ष 2019-20 के लिए राज्य, संघ राज्य के क्षेत्र स्तर पर 70 मापदंडों के ऑनलाइन पोर्टलों का उपयोग करते हुए रिपोर्ट को तैयार किया गया है।
विस्तार
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में हिमाचल प्रदेश ने 40 अंकों की छलांग मारी है। वर्ष 2019-20 की जारी हुई रिपोर्ट में हिमाचल ने ग्रेड टू से खुद को बाहर निकालकर ग्रेड वन में प्रवेश किया है। पांच डोमेन के आधार पर हुई समीक्षा को हिमाचल को कुल एक हजार अंकों में से 839 अंक प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2018-19 में प्रदेश 799 अंक लेकर ग्रेड टू में था। इन अंकों के आधार पर देशभर में हिमाचल को 13वां स्थान प्राप्त हुआ है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को देखने के लिए निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स) तैयार किया गया है। वर्ष 2019-20 के लिए राज्य, संघ राज्य के क्षेत्र स्तर पर 70 मापदंडों के ऑनलाइन पोर्टलों का उपयोग करते हुए रिपोर्ट को तैयार किया गया है।
देश भर में मिला 13वां स्थान, पांच डोमेन के आधार पर मिले अंक
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स का यह प्रयोग यह परिकल्पना करता है कि सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा जिससे बहु वांछित सर्वोत्तम शैक्षणिक परिणाम प्राप्त होंगे। पीजीआई (परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स) की संरचना दो श्रेणियों में की गई है। परिणाम और शासन तथा प्रबंधन को इसमें शामिल किया गया है। कुल एक हजार अंकों के लिए 70 संकेतक शामिल किए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक 70 सूचकांकों के निर्धारित 10 या 20 अंकों के साथ वेटेज तय की जाती है।
हिमाचल को मिले हैं यह अंक
शिक्षण परिणाम और गुणवत्ता के तहत हिमाचल प्रदेश को 140 अंक प्राप्त हुए हैं। विद्यार्थियों तक पहुंच की श्रेणी में हिमाचल को 77 अंक मिले हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं क्षेत्र में हिमाचल को 131 अंक, इक्विटी के क्षेत्र में 220 अंक और शासन प्रक्रियाएं क्षेत्र में 271 अंक प्राप्त हुए हैं।
801 से 850 अंक लेने पर मिलता है ग्रेड वन
ग्रेड वन में प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन और दीव, कर्नाटक, ओडिसा, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। इन राज्यों के अंक भी 801 से 850 के बीच में हैं। यह रिपोर्ट एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस, राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण, मिड डे मील वेबसाइट, सार्वजनिक निधि प्रबंधन प्रणाली और शगुन पोर्टल से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है। इन पोर्टलों का सृजन और रखरखाव शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा किया जाता है।