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Covid-19 & Air Conditioner: क्या AC से कोरोनावायरस के फैलने का खतरा अधिक है? जानिए एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली, शाहीना नूर। कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने लोगों को बेहद परेशान किया है। लंबे लॉकडाउन और सख्ती से मास्क पहनने की पाबंदियों के बाद इस वायरस की चेन को फैलने से रोका जा रहा है। गर्मी दिनों दिन बढ़ती जा रही है एयर कंडीशनर और कुलर की जरूरत अब शिद्दत से महसूस होने लगी है। लेकिन सोशल मीडिया पर कई मैसेज ऐसे दावे के साथ शेयर किए जा रहे हैं कि AC में रहने से कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने का ख़तरा बढ़ जाता है। इन मैसेज से लोग एसी चलाने से डरने लगे हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा है? इस मामले में राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ राजीव कुमार ने बताया कि AC में बैठने से कोरोना फैलना का खतरा नहीं हैं। घर में या गाड़ी में AC चलाने से कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि वहां से हवा एक कमरे से दूसरे कमरे में नहीं पहुंचती।

सीएसआईआर रिसर्च:

सीएसआईआर और उससे संबंधित प्रयोगशालाओं ने अपने अध्ययनों में पाया है कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति किसी कमरे में कुछ समय बिताता है, तो कमरे से उस व्यक्ति के जाने के दो घंटे बाद भी वायरस वहां मौजूद रह सकता है। इसलिए कमरे में वेंटिलेशन की बेहतर सुविधा होना जरूरी है।

ऑफिस और सार्वजनिक जगहों पर सेंट्रल AC से वायरस फैलने का खतरा:

लेकिन ऑफिस, हॉस्पिटल या फिर रेस्टोरेंट में सेंट्रल AC लगा होता है जिसकी वजह से खतरा हो सकता है। जब मरीज़ एक कमरे में खांसता है तो हवा के जरिए वायरस दूसरी जगह पर भी पहुंच जाता है। हवा के जरिए वायरस को फैलने से रोकने के लिए अब हस्पिटल और रेस्टोरेंट में विंडों AC लगाए जा रहे हैं ताकि इस वायरस का फैलाव रुक सकें। AC चलाने से इतना मसला नहीं है, जितना क्रॉस वेंटिलेशन से है। अगर आपके घर में विंडो एसी लगा है, तो आपके कमरे की हवा आपके ही कमरे में रहेगी, बाहर या दूसरे कमरों में नहीं जाएगी। इसलिए घर में विंडो एसी या गाड़ी में लगा एसी चलाने में कोई दिक्कत नहीं है। वातावरण में मौजूद सूक्ष्म कणों और बूंदों के माध्यम से हवा के जरिए संक्रमण फैलता है, इसलिए कोविड के प्रसार को रोकने के लिए वेंटिलेशन को बेहतर किए जाने की जरूरत है। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कोरोनावायरस एयर कंडीशनर से फैल रहा है, फिर भी हमें एहतियात बरतने की जरूरत है।

आइए जानते हैं कि हम AC का इस्तेमाल करते हैं तो किन-किन सावधानियों का पालन करें।

  • अपने हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोएं। आप चाहें तो सैनिटाइज़र भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें। इस दौरान हमारे हाथ में वायरस चिपक कर बॉडी में प्रवेश कर सकता है।
  • अगर आप छींक रहे हैं या फिर खांस रहे हैं तो अपने मुंह के सामने टिश्यू ज़रूर रखें और अगर आपके पास उस वक़्त टिश्यू ना हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें।
  • AC के रूम में बैठते हैं तो फिज़िकल डिस्टैंसिंग का पालन करें। मरीज को वायरल है, तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और उसके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें इस्तेमाल न करें।
  • घर में कोई भी छींकने से पहले नाक और मुंह पर रुमाल रखें। इससे वायरल होने पर दूसरों में फैलने का खतरा नहीं होगा।
  • ध्यान रखने की कमरे में लगे विंडो एसी का इग्ज़ॉस्ट अच्छी तरह से बाहर हो, जिससे वो किसी एरिया में ऐसे ना जा रहा हो जहां लोग इकट्ठे हों।
  • दफ़्तर या सार्वजनिक जगहों पर सेंट्रल एसी होता है जिसकी वजह से अगर दूसरे कमरे में या फिर ऑफिस के किसी दूसरे हिस्से में कोई खांसता है या उसे इंफेक्शन है तो एसी के डक्ट से इस वायरस के एक कमरे से दूसरे कमरे तक फैलने का ख़तरा हो सकता है, इसलिए सार्वजनिक जगहों पर आप मास्क को नहीं उतारें। लोगों से दूरी बना कर रहें।
  • एक अध्ययन के मुताबिक एयर-कंडीशनर वेंटिलेशन की वजह से ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन होता है। इंफेक्शन की मुख्य वजह हवा का बहाव है। रिसर्च में सलाह दी गई है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए वेंटीलेशन को बेहतर किए जाने की ज़रूरत है। 

(राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ राजीव कुमार से बातचीत पर अधारित)

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