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क्या आप जानते हैं क्वारंटीन और आइसोलेशन के बीच का मूल अंतर? जानें कब और कहां करें इनका इस्तेमाल

आइसोलेशन और क्वारंटीन प्रक्रिया में अलग-अलग समय आपको सबसे अलग रहना होता है। जान लीजिए कहां और कब करना होता है इन शब्दों का सही इस्तेमाल?

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने मानव सभ्यता के सामने जीवन जीने का नया तरीका लाकर खड़ा कर दिया है। इसके साथ ही यह सीख भी दी है कि प्रकृति की सीमाओं में मनुष्य की असामान्य दखलंदाजी से विनाशकारी परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, साइंटिस्ट और पर्यावरणविदों के बीच यह विवाद का विषय हो सकता है। लेकिन कोविड-19 (Covid-19 Infection) ने हमारे सामने कई ऐसे शब्दों की चर्चा बढ़ा दी है, जो कि आम लोगों के बीच पहले से चर्चित नहीं थे। आइसोलेशन और क्वारंटीन (Isolation and Quarantine) भी ऐसे ही दो शब्द हैं, जिनके बारे में लोगों ने पहले बहुत ज्यादा गंभीरता से कभी नहीं सुना।

कोविड-19 इंफेक्शन को फैलने से रोकते हैं आइसोलेशन और क्वारंटीन

कोविड-19 इंफेक्शन के विस्तार को रोकने में आइसोलेशन और क्वारंटीन दोनों ही शब्दों की काफी महत्वता है। इन दोनों शब्दों का अभिप्राय संक्रमित व्यक्ति का खुद को समाज या अपने आसपास के लोगों से कटाव माना जा सकता है। लेकिन आइसोलेशन और क्वारंटीन के बीच एक मूल अंतर है, जो इन दोनों शब्दों को एक-दूसरे से अलग बनाता है। अमूमन लोगों को इसके बीच के मूल अंतर का नहीं पता होता और आइसोलेशन व क्वारंटीन का अनुचित उपयोग करते रहते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण का विस्तार रोकने के लिए इन शब्दों का सही अर्थ मालूम होना बहुत जरूरी है। आइए इनका मतलब जानते हैं, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बताया है।

क्वारंटीन से क्या मतलब है? (Definition of Quarantine)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक क्वारंटीन शब्द उस व्यक्ति से जुड़ा है, जो हाल-फिलहाल में कोविड-19 का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित सिंप्टोमेटिक (लक्षणों के साथ) या एसिंप्टोमेटिक (बिना लक्षणों के) व्यक्ति के संपर्क में आया हो या रह रहा हो। क्वारंटीन से मतलब है कि आपको जल्द से जल्द बाकी सभी लोगों (परिवार वालों से भी) से अलग रहना है, क्योंकि आप वायरस के संपर्क में रहे हैं और आप दूसरे व्यक्तियों को भी वायरस से संक्रमित कर सकते हैं।

क्वारंटीन कहां और कबतक करना चाहिए?
आप क्वारंटीन की प्रक्रिया घर, घर में मौजूद एक कमरे या किसी सेंटर में कर सकते हैं। जहां बिना किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आए बुनियादी सुविधाओं को इस्तेमाल करने की सुविधा मौजूद हो। कोविड-19 के संबंध में आपको क्वारंटीन सेंटर या घर पर 14 दिन के लिए क्वारंटीन करना चाहिए।

आइसोलेशन से क्या मतलब है? (Definition of Isolation)
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आइसोलेशन शब्द का संबंध उन लोगों से है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण दिख रहे हैं या फिर उनकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। आइसोलेशन में आपको हर किसी से अलग रहना होता है। क्योंकि आप घरवालों या आसपास के अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

आइसोलेशन कहां और कबतक करना चाहिए?
आदर्शरूप से आपको आइसोलेशन चिकित्सीय सुविधाओं से युक्त केंद्र में करना चाहिए, जहां आपको समय पर चिकित्सीय मदद मिल सके। लेकिन अगर चिकित्सीय केंद्र उपलब्ध नहीं हो पा रहा है या आप गंभीर स्थिति हो सकने वाले हाई रिस्क ग्रुप (उच्च जोखिम समूह) में नहीं आते हैं, तो आप घर पर भी आइसोलेशन कर सकते हैं। हालांकि, इस दौरान भी आपको चिकित्सीय सलाह व मदद लेनी चाहिए। अगर आप में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं, तो कम से कम 10 दिनों और साथ में कोरोना के लक्षण खत्म होने पर अतिरिक्त 3 दिन आइसोलेशन में बिताने चाहिए। अगर आप संक्रमित हैं, मगर कोविड-19 का कोई भी लक्षण नहीं है, तो आपको पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद कम से कम 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि आपके लिए आइसोलेशन और क्वारंटीन से जुड़ी यह जानकारी मददगार साबित होगी और अगली बार आप आइसोलेशन और क्वारंटीन का सही जगह इस्तेमाल कर पाएंगे। साथ ही आइसोलेशन और क्वारंटीन की प्रक्रिया उचित तरीके से फॉलो कर पाएंगे।
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।

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