जयपुर,जागरण संवाददाता। रेलों के निर्बाध संचालन के लिए पश्चिम मध्य रेलवे के सभी रूटों पर कलर लाइट सिग्नल प्रणाली शुरू की गई है। पश्चिम मध्य रेलवे सभी रूटों पर शत प्रतिशत कलर सिग्नल लाइट शुरू करने वाले जोन की अग्रिम पंक्ति में शामिल हो गया। कोटा के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल ने बताया कि इस उच्च तकनीकी एवं संपूर्ण सुरक्षित प्रणाली के सिग्नल लगने से ट्रेनों की सुरक्षा एवं संरक्षा में गुणात्मक सुधार होगा। कोरोना महामारी की आपदा को अवसर में बदलते हुए कलर लाइट सिस्टम शुरू किया गया है।
उन्होंने बताया कि कलर लाइट सिग्नल की रात के समय दृश्यता अधिक होती है। इस कारण ये ट्रेन चालकों को काफी दूर से और स्पष्ट दिखाई देते हैं। इससे वे अपनी ट्रेनों की गति को जरूरत के अनुसार नियंत्रित कर सकते हैं। यहां तक की प्रतिकूल मौसम एवं कोहरे के समय में भी चालक को कलर लाइट सिग्नल आसानी से दूर से दिख सकते हैं। कलर लाइट सिग्नल प्रणाली अन्य दूसरी प्रणालियों की तुलना में अधिक सुरक्षित होती है। इसमें मानवीय भूल की संभावना बिल्कुल कम होती है। उल्लेखनीय है कि सिग्नल सिस्टम सहीं नहीं होने के कारण कई बार रेल दुर्घटनाएं होती है। इन पर अब रोक लग सकेगी ।
कोटा रेलवे अस्पताल में लगेगा ऑक्सीजन प्लांट
देश के 52 रेलवे अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। ये सभी प्लांट रेलवे के बड़े अस्पतालों में लगाए जाएंगे। प्रत्येक प्लांट पर 50 लाख रूपए खर्च होंगे। इसी के तहत कोटा के रेलवे अस्पताल में सभी 104 बेड पर पाइपलाइन से ऑक्सीजन पहुंचाने को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम लगाया जाएगा। जिससे वार्डों में सिलेंडर रखने को लेकर परेशानी नहीं हो।
पश्चिम रेलवे में कोटा के साथ ही जबलपुर और भोपाल भी प्लांट लगाए जाएंगे। इन तीनों ही अस्पतालों में कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों का इलाज किया गया है। कोटा के रेलवे अस्पताल में 110 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रतिदिन तैयार होंगे । डिवीजनल रेलवे मैनेजर पंकज शर्मा ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट की टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई है। शर्मा का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अस्पतालों में आवश्यक सुविधाएं बढ़ाई जाएगी ।