Jharkhand News: झारखंड में पंचायती राज के तहत 6 महीने का एक्सटेंशन 30 जून को समाप्त हो रहा है.
Ranchi: झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर चुने हुए प्रतिनिधियों की समय सीमा समाप्त होने के बाद पंचायती राज के तहत 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था, ये 30 जून को समाप्त हो रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि त्रिस्तरीय राज कायम रहे, जो काम होता था उसी अनुरूप काम हो. भारत सरकार के गाइडलाइन के तहत एक बार के बाद दोबारा एक्सटेंशन दिया जा सकता है या नहीं इसकी समीक्षा होगी.
मंत्री ने कहा कि एक्सटेंशन नहीं होता है तो क्या वैकल्पिक रास्ता हो सकता है उस पर भी चर्चा होगी. हम 2021 के तक पंचायत चुनाव करवा लेंगें ये हमने पहले कहा था पर कोविड के दोबारा आने के कारण चुनाव नहीं करवा पाए.
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है 2021 तक अगर हालात में सुधार होते हैं, जीवन सामान्य हो जाये तो इसी साल हम लोग चुनाव करवाने की कोशिश कर रहे हैं. पंचायत का डिमार्केशन हो या वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम हो, बूथ अरेंजमेंट करना हो सब काम करने के बाद ही चुनाव संभव है.
झारखंड में पंचायत चुनाव कब होंगे, इसको लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. ऐसा इसलिए क्योंकि 6 महीने के एक्सटेंशन की अवधि समाप्त होने वाली है.
इस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा, ‘पंचायत चुनाव और पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आवश्यक है. राज्य सरकार की नीयत ठीक नहीं है. जब कोरोना यहां थमा था उस वक्त हम लोगों ने मांग किया था चुनाव करवा लीजिए, लेकिन राज्य की सरकार के मन में लोकतंत्र के प्रति आस्था नहीं है.’
साथ ही उन्होंने कहा कि अघोषित आपातकाल इस राज्य के अंदर लगाने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए इनको लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्था पर एक दम कहीं विश्वास नहीं है. ये सरकार तानाशाही प्रवृत्ति का दूसरा नाम है.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ’जाकी रही भावना जैसी. बीजेपी को लोकतंत्र में कितना विश्वास है पूरे देश और दुनिया ने देखा है. अभी कोरोना काल चल रहा है, जिस तरह बंगाल चुनाव में जाकर सुपर स्प्रेडर लोगों को बना कर बीजेपी वालों ने कोरोना का विस्तार करवाया. हर जगह उनकी निंदा हुई. अब वह झारखंड में भी ऐसा करवाना चाहते हैं.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां तक पंचायत चुनाव का प्रश्न है. पंचायत चुनाव करवाए जाएंगें पर जो प्रक्रिया है उसको पूरा करने के लिए माकूल माहौल नहीं है. विभाग अध्ययन कर रहा है और स्थित जब चुनाव लायक होगा तो चुनाव कराए जाएंगे.