इंसफिशिएंट अमाउंट होने पर सभी बैंक अलग अलग निर्धारित अमाउंट का चार्ज वसूलते हैं. वैसे ये चार्ज 20 से 25 रुपए तक होता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने विफल लेनदेन के लिए ग्राहकों से शुल्क नहीं लिए जाने की बात कही है.
देश के ज्यादातर सभी लोगों का खाता किसी ना किसी बैंक में जरूर खुला हुआ है. वहीं रुपयों को सुरक्षित रखने के लिए वर्तमान समय में एटीएम का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसी वजह से अब ज्यादातर लोग एटीएम से रुपयों को अपनी जरूरत के हिसाब से निकालते हैं. वैसे ज्यादातर बैंक कई तरह की छूट अपने ग्राहकों देते रहते हैं, लेकिन कुछ चीजों में वो चार्ज भी वसूलते हैं. दरअसल अक्सर हमारा मनी बैलेंस खत्म या काफी कम रह जाता है, तो जब हम एटीएम से रुपए निकालने जाते हैं तो वो इंसफिशिएंट अमाउंट बताता है, यानी कि हमारा ट्रांजैक्शन तो फेल हो जाता है. इस वजह से जिस बैंक में हमारा खाता खुला होता है वो बैंक हमसे ट्रांजैक्शन फेल होने पर एक निर्धारित चार्ज वसूलती है. वैसे तो हर बैंक का अपना एक निर्धारित चार्ज अमाउंट होता है, लेकिन ज्यादातर ये अमाउंट 20 से 25 रुपए के बीच में वसूला जाता है. लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक विफल लेनदेन के लिए ग्राहकों से शुल्क नहीं ले सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने ट्रांजेक्शन फेल होने पर वसूले जा रहे चार्ज पर ऐतराज जताया है.
20 से 25 तक बैंक करके हैं चार्ज
जानकारी के मुताबिक अगर किसी के खाते में कम रुपए हैं और उसका ट्रांजेक्शन फेल हो गया है तो बैंक उस पर चार्ज लगाता है. जैसे अपर्याप्त बैलेंस होने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 20 रुपए चार्ज करता है. वहीं एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक, महिंद्रा और यस बैंक प्रति ट्रांजैक्शन 25 रुपए चार्ज करते हैं.
बैंक के फाइन से कैसे बचें?
वैसे अगर किस व्यक्ति को बैंक के फाइन से बचना हो तो उसे एटीएम पर जाने से पहले अपना मनी बैलेंस जरूर चेक कर लेना चाहिए, जिससे उसे ट्रांजेक्शन फेल होने पर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.