गौतम बुध नगर में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएससी) के मरीज सामने आने लगे हैं. ये बीमारी बच्चों में ही पाई जा रही है. एक प्राइवेट अस्पताल में अभी तक 11 केस सामने आ चुके हैं
नोएडा: गौतम बुद्ध नगर में अब एमआईएससी मतलब (मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम) नाम की बीमारी से ग्रस्त मरीज सामने आने शुरू हो गए हैं. ये बीमारी छोटे बच्चो में पाई जा रही है. गौतम बुद्घ नगर में अभी तक 11 मरीज सामने आ चुके हैं. इन सबका इलाज नोएडा स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है जिसमें से 7 मरीज ठीक होकर घर जा चुके है. जबकि, 4 मरीज अभी भी भर्ती है. वहीं, जिन बच्चों में ये बीमारी पाई गई है वो पहले से कोरोना के मरीज हैं.
बीमारी बच्चों में ही पाई जा रही है
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गौतम बुध नगर में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम ( एमआईएससी) के मरीज सामने आने लगे हैं. ये बीमारी बच्चों में ही पाई जा रही है. एक प्राइवेट अस्पताल में अभी तक 11 केस सामने आ चुके हैं. सभी मरीज बच्चे हैं और उनका पहले से ही कोरोना का इलाज चल रहा है. वहीं, 7 मरीज ठीक होकर अस्पताल से चले गए हैं जबकि, 4 मरीजों का अभी भी इलाज अस्पताल में चल रहा है. वहीं, इस बीमारी की अभी जांच की जा रही है कि ये बीमारी केवल कोविड-19 से संबंधित है या फिर पहले से ही चलती आ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए (ivig) injection की आवश्यकता पड़ती है.
अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजो में पाए गए बीमारी के लक्षण
एबीपी गंगा की टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक जिले में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएससी) नाम की बीमारी पहले से कोविड-19 मरीजों में है, उन्हीं के अंदर इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं. वहीं, ये बीमारी ज्यादातर बच्चों को ही शिकार बनाती है. समय पर मरीजों को इलाज मिलने पर मरीज ठीक भी हो जाते हैं.
इस बीमारी में होने वाले लक्षण
बीमारी में पाए जाने वाले लक्षण को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभी तक जितने भी मामले सामने आए हैं ज्यादातर उन सभी मरीजों की सांस फूलने लगती है, बात करने में परेशानी होती है. मरीज खुद को कमजोर महसूस करते हैं.
जारी है जांच
वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभी एक प्राइवेट अस्पताल में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम का इलाज चल रहा है जिसमें से 7 मरीज ठीक होकर चले गए हैं. जबकि, 4 लोगों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं, ये बीमारी केवल कोरोना संक्रमित मरीजों को हो रही है या फिर पहले भी लोगों को होती आई है इसको लेकर अभी प्राइवेट अस्पताल जांच कर रहे हैं.