चक्रवाती तूफान ‘यास’ के आज रात तक पूर्वांचल में असर दिखने की संभावना है। देर रात तेज हवाएं चलेंगी। भारी बारिश की भी संभावना जतायी जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 35 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। 28 मई तक इसका प्रभाव बना रहेगा। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने आमजन को सतर्कता बरतने के साथ ही घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। वाराणसी के अलावा बलिया, गाजीपुर, मिर्जापुर, जौनपुर जिलों में भी अलर्ट किया गया है।
वैसे चक्रवाती तूफान के असर की सुगबुगाहट मंगलवार रात से ही महसूस होने लगी जब पुरवा हवा के चलते वातावरण में उमस हावी होने लगी थी। मौसम वैज्ञानिक प्रो.एसएन पांडेय ने बताया कि 25 मई की रात उड़ीसा, पश्चिम बंगाल की तटों पर टकराने के बाद तूफान का रुख झारखंड की ओर होगा। उसके असर से 26 व 27 को झारखंड में तेज हवा के साथ भारी बारिश होगी। इसका गंभीर असर बिहार में भी 27 मई तक आ जाएगा। पूर्वी यूपी तक उसका असर रहेगा। वाराणसी सहित आसपास के जिलों में भी तेज हवा और बारिश होने की संभावना जतायी गयी है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर, निगरानी का निर्देश
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन ने आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही एडीएम वित्त व राजस्व तथा आपदा प्रभारी ने लेखपाल, कानूनगो, सेकेट्ररी को अपने-अपने गांवों में लगातार निगरानी का निर्देश दिया है। एसडीएम व बीडीओ को भी लगातार निगरानी करने के लिए कहा है। प्रशासन ने नदी किनारे के नाविकों व मछुवारों को निर्देश दिया है कि 28 मई तक नदी के अंदर नाव लेकर न जाएं। कहा कि नावों को सुरक्षित स्थानों पर बांध दें।
हेल्पलाइन नंबर
0542-2221937, 2221939, 2221941, 2221942, 2221944 और टोल फ्री नं. 1077।
वज्रपात से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें :
– शरीर के बालों का खड़ा होना तथा त्वचा में झुरझुरी महसूस संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है
– रबर सोल के जूते व टायर से सुरक्षा मिलती है
– बिजली गिरने को खिड़की से न देखें
– बादलों की गड़गड़ाहट होने या बिजली चमकने पर सुरक्षित स्थान पर जाएं
– आसमान में बिजली चमकने के दौरान घर में फ्रिज, कम्प्यूटर, टेलीविजन से बिजली डिस्कनेक्ट कर दें। मोबाइल का उपयोग न करें।
– बिजली चमकने के दौरान लम्बे पेड़, खंबो या धातु की वस्तुओं से दूर रहें
– वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल से ले जाएं
– कंक्रीट की फर्श पर न लेटें, कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें
– क्षतिग्रस्त इमारत में न जाएं, उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी पीएं