सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत केंद्र के नए दिशानिर्देशों का पालन न करने पर भारत में फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध की अटकलों के बीच, इन कंपनियों ने मंगलवार को जवाब दिया कि वे नए नियमों को लागू करने पर काम कर रहे हैं।
26 मई से बैन की अटकलें क्यों?
दरअसल केंद्र द्वारा नए नियमों को 25 फरवरी को अधिसूचित किया गया था और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को उन्हें लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। ये समय 25 मई को समाप्त हो गया। इस समय सीमा को बढ़ाया भी नहीं गया। दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि कंपनियां नियमों का पालन करने में विफल रहती हैं, तो वे कार्रवाई का सामना कर सकती हैं।
क्या बोलीं कंपनियां?
गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से अवैध सामग्री से निपटने और परिचालन वाले जगहों पर स्थानीय नियमों का अनुपालन करने के लिये कदम उठाये हैं। इसके तहत उत्पाद में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ संसाधनों और कर्मियों में लगातार निवेश किये गये हैं।
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है और इसका उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि वह कुछ मुद्दों पर स्पष्टता को लेकर सरकार के लगातार संपर्क में है। फेसबुक के पास फोटो साझा करने का मंच इंस्टाग्राम भी है।
हालांकि, फेसबुक और गूगल दोनों ने मंगलवार तक अनुपालन के नए स्तर को पूरा करने के बारे में चीजें स्पष्ट नहीं की। हालांकि, मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, फेसबुक ने स्वैच्छिक सत्यापन, अश्लील सामग्री को हटाने के लिए 24 घंटे की समयसीमा और समयबद्ध शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के प्रावधान रखे हैं।वहीं नियमों को लेकर ट्विटर ने उसकी आधिकारिक स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
क्या हैं नए नियम?
-चूंकि इन सोशल मीडिया कंपनियों के हेडक्वार्टर भारत में नहीं हैं, इसलिए उन्हें एक चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर, नोडल कांटेक्ट पर्सन और रेजीडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर नियुक्त करना होगा।
-इन प्लेटफार्मों को अधिकारियों द्वारा मार्क किसी भी कंटेंट को 36 घंटे के भीतर हटाना होगा।
-भारत में स्थित एक अधिकारी एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की देखरेख करे।
-शिकायत निवारण के विवरण के साथ एक मासिक रिपोर्ट पब्लिश करनी होगी।
-यदि किसी विशेष सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया जा रहा संदेश भारत की संप्रभुता को कमजोर करता है, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संदेश के पहले सोर्स की पहचान करनी होगी।