आपकी पत्नी इनकम टैक्स को बचाने (Income Tax Saving) में बड़ी मददगार साबित हो सकती है. शायद आप यह बात नहीं जानते होंगे. भारत सरकार ने महिलाओं को लेकर एक खास नियम बनाया है, जिसके तहत हसबैंड टैक्स में छूट का डबल लाभ उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे…
हेल्थ इंश्योरेंस
कोरोना काल में हर कोई हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) करा रहा है, जो एक समझदारी का फैसला है. लेकिन ये हेल्थ इंश्योरेंस आपको अस्पतालों के महंगे इलाज के खर्चों से बचाने के साथ टैक्स में भी बचत करा सकता है. अगर आप 60 साल से कम उम्र के हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) के जरिए आप भी 25 हजार रुपये तक बचा सकते हैं. आप अपनी पत्नी और बच्चे का प्रीमियम करा सकते हैं. इसमें आपको सेक्शन 80D के तहत छूट मिलती है. इसमें आप मेडिक्लेम, फैमिली फ्लोटर या क्रिटिकल इलनेस ले सकते हैं. वहीं, जिसकी उम्र 60 साल से ज्यादा है उनको 50 हजार तक का टैक्स बेनिफिट मिलेगा.
ज्वाइंट होम लोन
होम लोन (Home Loan) भी टैक्स बचाने का एक आसान तरीका है. ऐसे में अगर आप ज्वाइंट होम लोन कराते हैं तो EMI देने वालों को टैक्स में छूट का लाभ मिल जाता है. इसमें आपको धारा 80C के तहत 1.5-1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है. वहीं, ब्याज वाले हिस्से पर सेक्शन 24 के तहत 2-2 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी
लाइफ इंश्योरेंस
टैक्स बचत का सबसे आसान तरीका लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद लेना है. अंतिम समय में टैक्स प्लानिंग करने वाले ज्यादातर लोग यही करते हैं. अगर आप ज्वाइंट रूप से बीमा पॉलिसी लेते हैं तो पत्नी को कुछ हो जाने की सूरत में आपको भी किसी तरह की परेशानी से नहीं जूझना होगा. ज्वाइंट बीमा पॉलिसी में आपको कम प्रीमियम पर अधिक फायदा मिलता है. वहीं धारा 80सी के तहत इनकम टैक्स में छूट का फायदा भी मिलता है.
एजुकेशन लोन
इनकम टैक्स कानून की सेक्शन 80सी के तहत आप बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले 1.50 लाख रुपये तक के खर्च पर डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं. बच्चों की पढ़ाई का यह खर्च किसी यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल या एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में से किसी का भी हो सकता है. बता दें, डिडक्शन का यह फायदा दो बच्चों तक ले सकेंगे. हां, अगर आपका कोई तीसरा बच्चा है तो पति या पत्नी में से कोई भी दूसरा व्यक्ति उसकी पढ़ाई के खर्च पर डिडक्शन का दावा कर सकता है. अगर सिर्फ दो ही बच्चे हैं तब भी उसकी पढ़ाई के खर्च को इनकम टैक्स में फायदे के लिए पति-पत्नी के बीच बांटा जा सकता है. इस तरीके से डिडक्शन के क्लेम की राशि बढ़ाई जा सकती है.
लीव ट्रैवल अलावेंस
एक करदाता चार सालों के अंदर दो यात्राओं के लिए लीव ट्रैवल अलावेंस की सुविधा उठा सकता है. लेकिन अगर पति और पत्नी दोनों करदाता हैं, तो दोनों ही मिलकर 4 सालों में 4 ट्रैवल अलावेंस का फायदा उठा सकते हैं. इस प्रकार से वे 2 बार की जगह 4 बार हॉलीडे पर जा सकते हैं.