चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Ayushman Yojna: आयुष्मान…यानी लंबी आयु…दीर्घायु…हम इसे चिंरजीवी भी कह सकते हैं, देसी भाषा में बोलें तो सदा जीते रहो। कोरोना संकट में यह योजना हरियाणा के गरीब लोगों के लिए वरदान बन गई है और बेहतरीन सुरक्षा कवच साबित हो रही है। करीब तीन साल पहले आरंभ हुई आयुष्मान भारत योजना अब तक हरियाणा के लगभग तीन लाख लोगों के लिए वरदान साबित हुई। राज्य में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित करीब 11374 लोगों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज हो चुका है।
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाते हुए न केवल उत्तम स्वास्थ्य हासिल किया, बल्कि भविष्य में परिवार के किसी भी व्यक्ति के इलाज की चिंता से भी मुक्त कर दिया है। अब कोविड से संक्रमित मरीज भी इस योजना का लाभ हासिल कर रहे हैं।
प्रदेश के 15.50 लाख गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये सालाना का मुफ्त इलाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोग (बीपीएल) परिवार हर साल पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करा सकते हैं। हरियाणा में इस योजना के तहत 15 लाख 50 हजार बीपीएल परिवार पंजीकृत हैं। सरकार ने इलाज के लिए प्रदेश में 593 अस्पतालों को सूचीबद्ध कर रखा है। इनमें 417 प्राइवेट तथा 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं।
2.59 लाख बीपीएल लोगों के इलाज पर खर्च हो चुकी 315 करोड़ रुपये की राशि
इन अस्पतालों में अब तक हरियाणा के 2.59 लाख लोगों ने इलाज कराया है, जिसके लिए राज्य सरकार से 315 करोड़ रुपये की राशि क्लेम की गई है। इसमें से 2.33 लाख मरीजों के इलाज पर खर्च 263 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान अस्पतालों को किया जा चुका है। बाकी राशि का आडिट चल रहा है। प्रदेश सरकार को शिकायत मिली थी कि कई अस्पताल अनाप-शनाप बिल बना रहे हैं, इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ निजी अस्पतालों द्वारा क्लेम की गई भारी-भरकम राशि का आडिट कराने के आदेश दिए हैं।
देश और प्रदेश का कोई व्यक्ति पैसे के अभाव में अच्छे इलाज से वंचित न रहे, इसके लिए कोविड-19 महामारी की जांच और उपचार को भी केंद्र सरकार ने चार अप्रैल 2020 को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लिया। हरियाणा में पीड़ित लोगों ने इस योजना का भी पूरा लाभ उठाया है। अब तक प्रदेश में इस योजना के तहत पांच करोड़ रुपये की राशि कोरोना मरीजों के इलाज पर खर्च की जा चुकी है।
हरियाणा में अब तक 11 हजार 374 कोविड मरीजों का योजना के तहत इलाज, पांच करोड़ रुपये खर्च
प्रदेश में इस योजना को लागू करने के लिए ‘आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण’ का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण ने 11 हजार 374 व्यक्तियों की कोविड जांच और उपचार पर पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च को मंजूरी प्रदान कर दी है। हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोविड-19 के उपचार के लिए 261 सूचीबद्ध अस्पताल हैं, जिनमें 68 सरकारी तथा 193 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं।
हरियाणा सरकार ने दो कदम आगे बढ़ते हुए अब उन लोगों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर लिया है, जो गरीब होने के साथ-साथ कोरोना संक्रमित हैं और अच्छे अस्पतालों में इलाज नहीं करा सकते। विभिन्न कारणों से उनका पंजीकरण आयुष्मान भारत योजना में नहीं हो पाया था। ऐसे लोगों के ईलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार ने वहन करने का बड़ा निर्णय लिया है।
आयुष्मान भारत योजना कैशलैस और पेपरलैस हैं। इसमें पंजीकृत परिवार का कोई भी मरीज जब अस्पताल में जाता है तो उसे उपचार के लिए कोई नकद राशि खर्च नहीं करनी पड़ती। अस्पताल उसकी दवा और उपचार स्वयं करता है और खर्च हुई राशि का क्लेम सीधे प्रदेश सरकार से प्राप्त करता है।
कोविड मरीजों के उपचार को निजी अस्पतालों को 20 फीसद अतिरिक्त राशि
कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताल को अतिरिक्त संसाधन मसलन जांच किट, पीपीई किट, आक्सीजन और वेंटीलेटर भी लगाने पड़ते हैं। यह खर्च कई बार आयुष्मान योजना में स्वीकार नहीं किया जाता। हरियाणा सरकार ने इलाज के इस खर्च को देखते हुए कोविड के लिए अधिकृत सूचीबद्ध अस्पतालों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने का फैसला किया है, ताकि गरीब के ईलाज में पैसे की तंगी के कारण कोई कमी न रह जाए।
बता दें कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पहले लाभार्थी का उपचार तथा क्लेम की अदायगी करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। ऐसा दावा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने किया है। इस योजना में पंजीकृत परिवार के कितने भी सदस्य हों और उनकी कोई भी आयु हो, सभी को इस योजना लाभ देने का प्रविधान है।
कोविड-19 को मात देकर घर लौटी जिला सोनीपत निवासी 50 वर्षीय कमला देवी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराया है। लगभग दो सप्ताह बाद भगवान दास अस्पताल सोनीपत से ठीक होकर अपने बच्चों से मिली कमला देवी भावुक हो गई। कमला का पति रेहड़ी लगाकर आजीविका कमाते हैं। उसके इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार ने वहन किया है और उन्हें कोई पैसा नहीं देना पड़ा है।
किसी गरीब परिवार को इलाज की चिंता की जरूरत नहीं : मनोहरलाल
” ऐसे अनेक गरीब परिवार हैं, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो उन पर एक तरह से कहर टूट पड़ता है। पैसा न होने से इलाज नहीं हो पाता। उनके पास कोई बीमा भी नहीं होता। हमारा उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति को इस पीड़ा से मुक्त करना है। सरकार उन बीपीएल परिवारों के कोरोना मरीजों के प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज का पूरा खर्च भी वहन करेगी, जो किसी कारणवश आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत नहीं हो सके। पंजीकृत लोगों का इलाज तो पहले से ही किया जा रहा है।
– मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।