रीवा के मेडिकल कॉलेज से ब्लैक फंगस को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। श्याम शाह नामक व्यक्ति जांच के दौरान ब्लैक फंगस से संक्रमित पाया गया है, जबकि वह न तो कभी कोरोना संक्रमित था और न ही उसने कोई स्टेरॉयड लिया था।
कोविड संक्रमण और ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) बीमारी ने जिस तरह से भारत को जकड़ रखा है, वह काफी चिंताजनक है। इसी बीच मध्यप्रदेश के रीवा से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने चिकित्सा जगत को सकते में डाल दिया है। इस हैरान करने वाली खबर के मुताबिक रीवा के श्याम शाह नामक व्यक्ति में ब्लैक फंगस का संक्रमण पाया गया है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि श्याम न तो कभी कोविड पॉजिटिव था और न ही उसने किसी तरह के स्टेरॉइड का इस्तेमाल किया था। इसके बावजूद वह ब्लैक फंगस इंफेक्शन का शिकार हो गया। फिलहाल, मेडिकल कॉलेज रीवा के डॉक्टर ऐसे मामलों का अध्ययन कर रहे हैं क्योंकि पिछले दो दिनों में इस तरह के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
रीवा मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ मिशन ब्लैक फंगस
फिलहाल, डॉक्टर श्याम की एंजियोगाफ्री कर पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसमें किस कारण से ब्लैक फंगस का इंफेक्शन हुआ। ब्लैक फंगस घातक बीमारी साबित हो रही है। इसका इलाज महंगा है, इसके बाद भी मौत का अनुपात फिफ्टी-फिफ्टी है। रीवा मेडिकल कॉलेज ने मिशन ब्लैक फंगस शुरू किया है। बता दें, मेडिकल कॉलेज रीवा को मध्यप्रदेश के उन पांच हॉस्पिटलों में शामिल किया गया गया है, जहां ब्लैक फंगस का इलाज किया जा रहा है। रीवा मेडिकल कॉलेज में रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिले के मरीज भर्ती हैं। जानकारी के अनुसार अब तक रीवा के एक और सतना के दो मरीजों की ब्लैक फंगस के कारण मौत हो चुकी है जबकि 14 मरीजों का इलाज चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि ब्लैक फंगस देशभर में तबाही मचा रहा है। खासतौर पर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में म्यूकोरमायकोसिस तेजी से पैर पसार रहा है। इस फंगल इंफेक्शन के कारण बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं। तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, चंडीगढ़, राजस्थान और तेलंगाना ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है।