गुजरात के महानगर अहमदाबाद में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहें हैं, जिससे कुछ राहत मिली है, लेकिन दूसरी तरफ अब म्यूकरमाइकोसिस यानी की ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। सिविल अस्पताल में कोरोना के 1200 में से 600 बेड खाली खाली हुए ही थे कि अब ये ब्लैक फंगस के मरीजों से भरने लगे हैं। फिलहाल सिविल में ब्लैक फंगस के 489 मरीज भर्ती हैं।
लगातार बढ़ रहे मरीज
सिविल में लंबे समय बाद 600 ऑक्सीजन और 47 आईसीयू खाली हुए हैं। साथ ही कोरोना के नए मरीजों की तुलना में डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़ रही है। इससे प्रशासन ने थोड़ी राहत ली ही थी कि अब ये खाली बेड म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों से भर रहे हैं। चिंता की बात यह भी है ऐसे मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। शहर में रोजाना 40-50 नए मरीज सामने आ रहे हैं।
एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उपयोग
म्यूकोर्मिकोसिस में किया जाता है एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का उपयोग म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए किया जाता है और इसकी काफी कमी हो गई है। डॉक्टरों की मांग है कि सरकार इन इंजेक्शनों को निजी अस्पतालों में भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे। ये इंजेक्शन काफी महंगे होते हैं और मरीज कितना अच्छा होगा यह बताना मुश्किल है।
इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने केंद्र ने उठाए कदम
सिविल अस्पताल के अधीक्षक आरएस त्रिवेदी ने कहा कि अब म्यूकोर्मिकोसिस के इंजेक्शन के लिए केंद्रीय व्यवस्था की जाएगी। सरकार की ओर से एक सर्कुलर प्राप्त हुआ है और तीन डॉक्टरों की एक कमेटी का गठन किया गया है। अब रेमेडिविर जैसे मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन नहीं मिलेंगे। डॉक्टरों के मांग पर ही सीधे अस्पताल को उपलब्ध कराएं जाएंगे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में अब तक ब्लैक फंगस के 8848 मामले सामने आए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में ब्लैक फंगस के 2281 और महाराष्ट्र में 2000 केस आ चुके हैं। राजस्थान में 700 और मध्य प्रदेश में 720 मामले बताए जा रहे हैं। वहीं दिल्ली में 197, हरियाणा में 250, कर्नाटक में 500, तेलांगना में 350 और आंध्रप्रदेश में 910 केस आने की जानकारी है।