जापान में ड्राइवर के टॉयलेट जाने के कारण बुलेट ट्रेन 1 मिनट देरी से अपने गंतव्य पर पहुंची. ट्रेन के आने में हुई इस देरी के बाद विशेषज्ञ तुरंत जांच में जुट गए.
टोक्यो: भारत (India) में ट्रेनों (Trains) का लेट (Late) होना सामान्य बात है, लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जहां ट्रेनें एकदम समय पर चलती हैं. वहीं जापान की बुलेट ट्रेन (Japan’s bullet train) तो समय पर चलने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं. ऐसे में जब यहां एक ट्रेन केवल एक मिनट की देरी से पहुंची तो यहां के विशेषज्ञों के कान खड़े हो गए. इस मामले में तत्काल जांच की गई और पता चला कि ट्रेन के ड्राइवर (Driver) के टॉयलेट जाने के कारण यह देरी हुई थी.
बिना ड्राइवर के 3 मिनट तक चली ट्रेन
जांच के दौरान ड्राइवर ने स्वीकार किया कि उसे अपने पेट के निचले हिस्से में एक अजीब तरह का दर्द महसूस हुआ और उसे तत्काल टॉयलेट (Toilet) जाना पड़ा. इस दौरान उन्होंने ट्रेन का नियंत्रण एक अप्रशिक्षित कंडक्टर को सौंप दिया. इसके चलते 160 यात्रियों को ले जा रही ट्रेन 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी और उस समय 3 मिनट तक ड्राइवर अपनी जगह पर नहीं था.
कंप्यूटर-कंट्रोल्ड होती हैं बुलेट ट्रेन
वैसे तो ये बुलेट ट्रेनें कंप्यूटर-कंट्रोल्ड (Computer-Controlled) होती हैं. इन ट्रेनों में ड्राइवर का काम यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर मैन्युअल ब्रेक लगाने का या यात्रियों को समय पर पहुंचाने के लिए ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने का ही होता है. लिहाजा यदि ट्रेन समय पर पहुंच जाती तो किसी का भी इस बात पर ध्यान नहीं जाता कि कुछ देर के लिए ड्राइवर अपनी जगह पर नहीं था.
करीबी स्टेशन पर रोक सकता था ट्रेन
प्रोटोकॉल के अनुसार ड्राइवर को कमांड सेंटर से बात करके किसी योग्य कंडक्टर को ट्रेन का नियंत्रण सौंपना चाहिए था, ताकि ड्राइवर के न होने पर वह ट्रेन का नियंत्रण संभालता. इसके अलावा ड्राइवर किसी करीबी स्टेशन पर कुछ मिनट के लिए ट्रेन रोक भी सकता था, लेकिन ड्राइवर ‘ट्रेन को रोककर यात्रियों को देरी नहीं कराना चाहता था.’
इस मामले में यह पूछे जाने पर कि ड्राइवर ने अपने सीनियर्स को घटना की सूचना क्यों नहीं दी. इस पर ड्राइवर ने कहा कि उन्हें यह सब बताना शर्मिंदगीपूर्ण लगा, इसलिए उन्होंने सीनियर्स को इस बारे में नहीं बताया.