ग्वालियर की पांच गांव की पंचायत बढ़ेरा. इस पंचायत में करीब 3100 लोग रहते हैं. ये पंचायत पूरी तरह फ्री है. लोगों ने कोरोना गाइडलाइन को जीवनशैली का हिस्सा बना लिया और जंग जीत गए.
ग्वालियर. जागरुकता के चलते ग्राम पंचायत बढ़ेरा ग्वालियर जिले की पहली कोरोना मुक्त पंचायत बन गई है. ग्वालियर शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत बढेरा भारस, जिले में पहली ऐसी पंचायत है, जिसे कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित किया गया है.
लॉकडाउन से पहले ही गांव की 90 फीसदी आबादी वैक्सीन लगवा चुकी थी. यही वजह है कि जब दूसरी लहर आई तो यहां 3100 में से सिर्फ 4 लोग कोरोना की चपेट में आए. गांव के लोग मास्क लगाकर ही निकलते हैं. सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना और सैनिटाइजेशन करना गांव वालों की आदत में शुमार हो गया है.
गांव में ही ठीक हो गए 4 संक्रमित
कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. ऐसे में बढ़ेरा पंचायत के पांच गांवों में रहने वाले 3100 में से 4 लोग कोरोना की चपेट में आए. इनका संक्रमण सामान्य था, लिहाज़ा गांव में रहकर ही चारों मरीज़ स्वस्थ भी हो गए. गौरतलब है कि जब 2 से 15 अप्रैल के बीच हुए टीकाकरण में शहर के सेंटरों पर वैक्सीन लगवाने वाले लोग नहीं मिल रहे थे, उस वकत बढ़ेरा पंचायत के 4 गांव के 90 फीसदी लोग वैक्सीनेशन करा चुके थे. वैक्सीनेशन सेंटर गांव से 7 किलोमीटर दूर था फिर भी लोग उत्साह के साथ वैक्सीनेशन के लिए सभी लोग पहुंचे.
कोरोना गाइडलाइन बनी जीवनशैली का हिस्सा
गांव में अब 18 प्लस उम्र वाले वैक्सीन लगवाने की तैयारी में हैं. यहां के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को अपनी जीवनशैली का इस कदर हिस्सा बना लिया है कि लॉकडाउन के दौरान गांव में कुल 40 शादियां हुईं, लेकिन उनमें घर के लोगों को छोड़कर गांव का कोई व्यक्ति शामिल नहीं हुआ. ग्रामीण जनजीवन में रचे बसे लोगों के लिए यह एक तरह का न्यू नॉर्मल बना. यही कारण है कि ये पंचायत जिले की पहली कोरोना मुक्त पंचायत बन गई है.
जागरूकता में गांव की महिलाएं भी कम नहीं
ग्राम पंचायत बड़ेरा के सरपंच पंजाब सिह यादव का कहना है कि गांव में पुरुष और बच्चे तो जागरूक हैं ही, लेकिन महिलाएं भी उनसे कम नहीं. महिलाएं खुद तो कोविड गाइडलाइन का पालन करती ही हैं. साथ ही परिवार और आस-पड़ोस को भी जागरूक करती हैं. गांव में रहने वाले रमेश सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के पहले की गांव वालों ने वैक्सीन लगवा ली थी, जिससे अब कोरोना का डर नहीं रहा. गांव में रहने वाली कनाई बाई सहित अन्य महिलाएं लोगों से वैक्सीनेशन कराने की अपील करती हैं, तो परिवार और बच्चों को भी कोविड गाइड लाइन का पालन कराती हैं.