पिछले कुछ सालों से घर-दफ्तरों में लाफिंग बुद्धा, कछुआ रखे दिखना आम हो गया है. हालांकि लोग इन चीजों को रखने से पहले यह नहीं सोचते हैं कि वाकई उन्हें इसका फायदा मिलेगा या नहीं.
नई दिल्ली: ऊर्जा को नियंत्रित करके सकारात्मक-नकारात्मक प्रभाव में तेजी-कमी लाना ही फेंगशुई (Feng Shui) का मूल आधार है. चीन का यह वास्तुशास्त्र इसी सिद्धांत पर काम करता है. इसके तहत ऊर्जा को ठीक करने के लिए कई चीजों का उपयोग होता है, जिन्हें हम वास्तु उपाय भी कह सकते हैं. इन चीजों में लाफिंग बुद्धा (Laughing Buddha) , कछुआ, ड्रैगन, फीनिक्स, आदि शामिल है. अब चीन का यह फेंगशुई एशिया और अमेरिका में भी काफी फैल चुका है.
पंच तत्वों पर काम करता है भारतीय वास्तुशास्त्र
भारतीय वास्तुशास्त्र पांच तत्वों पर काम करता है. इसके अनुसार निर्माण कार्य से पहले भूमि परीक्षण से ही वास्तु प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जो गृह प्रवेश के बाद ही खत्म होती है. इसमें केवल ऊर्जा को नहीं बल्कि दिशाओं को भी खास महत्च दिया गया है. इसमें रंग, मन्त्रों का भी अपना स्थान है.
भारत में कितना कारगर है फेंगशुई
जाहिर है भारतीय वास्तुशास्त्र भारत के परिवेश के हिसाब से है और फेंगशुई चीन के परिवेश के हिसाब से है. दोनों ही परिवेशों में खासा अंतर है, ऐसे में फेंगशुई यहां कितना असर डालेगा यह सोचने वाली बात है. ऐसे में फेंगशुई से जुड़ी चीजें रखने से पहले यह जानते हैं, कि भारतीय वास्तुशास्त्र के लिहाज इनका क्या बेहतर विकल्प हो सकता है.
लाफिंग बुद्धा : माना जाता है कि हाथ में धन की पोटली लिये बड़े पेट वाला लाफिंग बुद्धा रखने से घर में सुख शांति समृद्धि आती है. हालांकि बेहतर होगा कि इसके बजाय घर में गणेश जी रखें. इससे घर में श्रद्धा, भक्ति, समृद्धि सब कुछ आएगी. बेहतर नतीजे पाने के लिए पीले रंग के गणेश जी रखें.
ड्रैगन, फीनिक्स, कछुआ और मेंढक: फेंगशुई के मुताबिक यह चीजें बहुत अहम हैं और इन्हें सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है. साथ ही धन आगमन के लिए भी अच्छा माना जाता है. वहीं हमारे देश में घर में जंगली जानवरों के चित्र या आकृति रखना अच्छा नहीं मानते क्योंकि पशु कितने भी भाग्यवान क्यों न हों यदि उनकी प्रकृति जंगली हो तो उन्हें घर में नहीं रखना चाहिए.
बागुआ: यह अष्टकोणीय दर्पण होता है और इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाते हैं. कहते हैं कि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती. फेंगशुई का यह सिद्धांत भारत में तो बिल्कुल भी कारगर नहीं है. ऐसे में घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ लाल रंग का स्वस्तिक बनाना इससे ज्यादा कारगर है. इसके साथ साथ ही घर के मुख्य द्वार पर ऊपर की और बीचों बीच दो त्रिभुज एक-दूसरे को काटते हुए बनाने से बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. )