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मोबाइल वॉलेट भी बदल सकते हैं:2022 से पेटीएम और फोन पे जैसे वॉलेट से एक दूसरे में बदलने की सुविधा, रिजर्व बैंक ने जारी किया सर्कुलर

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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद इन उपायों की घोषणा की थी। दास ने कहा था कि PPI के माइग्रेशन को पूर्ण केवाईसी में प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे PPI में बकाया शेष राशि की वर्तमान सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है

  • ग्राहक जब PPI खोलेंगे तो नकद निकासी के लिए कुछ समय तक इसे रोकना होगा, ताकि धोखाधड़ी को रोका जाए
  • मोबाइल वॉलेट यूज़र्स- जिसने सभी KTC नियमों को पूरा किया है वे विभिन्न मोबाइल वॉलेट से पैसे भेज सकेंगे और पा सकेंगे

अगले साल में आप मोबाइल वॉलेट पेमेंट की कंपनियों को बदल सकते हैं। इससे आपका पूरा डिटेल वही रहेगा। केवल सेवा देनेवाली कंपनियां बदल जाएंगी। ठीक मोबाइल नंबर की तरह यह सुविधा मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरह का सर्कुलर जारी किया है।

आरबीआई 2022 तक इसे पूरा करना चाहता है

RBI के सर्कुलर के मुताबिक, 2022 तक वह चाहता है कि इसे पूरा कर लिया जाए। अगर ऐसा हो जाता है तो सभी लाइसेंसप्राप्त प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) जैसे कि पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे मोबाइल वॉलेट 2022 से इंटरऑपरेबल हो जाएंगे। इसका मतलब यह है कि अप्रैल 2022 से पूरी तरह से संचालित मोबाइल वॉलेट यूज़र्स- जिसने सभी KTC नियमों को पूरा किया है वे विभिन्न मोबाइल वॉलेट से पैसे भेज सकेंगे और पा सकेंगे।

वॉलेट से 2 हजार नकदी निकाल सकते हैं

RBI ने कहा कि कार्ड आधारित PPI के लिए यह कार्ड नेटवर्क इंटरऑपरेबिलिटी के जरिए और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए ई-वॉलेट के लिए हासिल किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा कि PPI फॉर मास ट्रांजिट सिस्टम्स (PPI-MTS) को इंटरऑपरेबिलिटी से छूट दी जाएगी जबकि गिफ्ट पीपीआई जारीकर्ताओं (issuers) के पास इंटरऑपरेबिलिटी पेश करने का विकल्प है। इसके अतिरिक्त मोबाइल वॉलेट का उपयोग अब 2,000 रुपए तक नकद निकासी के लिए किया जा सकता है। सर्कुलर के मुताबिक वॉलेट की सीमा भी 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई है।

शिकायतों का तरीका भी बनाना होगा

इस सुविधा को देने वाला कोई भी PPI को ग्राहकों की शिकायतों के लिए एक तरीका भी बनाना होगा। RBI ने अपने सर्कुलर में कहा कि इस संबंध में शिकायतें संबंधित लोकपाल (ombudsman) के दायरे में आती हैं और ग्राहकों की लायबिलिटी सीमित करती हैं। ग्राहक जब PPI खोलेंगे तो नकद निकासी के लिए कुछ समय तक इसे रोकना होगा, ताकि धोखाधड़ी को रोका जाए।

MPC में की गई थी घोषणा

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद इन उपायों की घोषणा की थी। दास ने कहा था कि PPI के माइग्रेशन को पूर्ण केवाईसी में प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे PPI में बकाया शेष राशि की वर्तमान सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव है।

अक्टूबर 2018 में RBI ने दिशा निर्देश जारी किया था

अक्टूबर 2018 में RBI ने पहले पूर्ण KYC PPI के लिए स्वैच्छिक आधार पर इंटरऑपरेबिलिटी अपनाने के लिए दिशानिर्देश जारी किया था। लेकिन इंटरऑपरेबिलिटी की प्रक्रिया बहुत धीमी रही है। वर्तमान में बैंकों द्वारा जारी पूर्ण KYC PPI जैसे डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए नकद निकासी की अनुमति है। अब इन नए नियमों के साथ यहां तक कि एक पेमेंट वॉलेट या प्रीपेड कार्ड का उपयोग ATM, माइक्रो-एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (POS) टर्मिनलों पर नकदी निकालने के लिए किया जा सकता है।

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