Lucknow News: पत्र में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि इलाज के लिए लोग कर्ज ले रहे हैं. निजी अस्पतालों में इलाज की जनहितैषी कीमतें तय हों, सरकार लोगों को मुआवजा दे. साथ ही उन्होंने मांग की है कि महंगाई पर रोक लगे और बिजली की दर न बढ़ें, जनता त्रस्त है.
लखनऊ. कांग्रेस महासचिव (Congress General Secretary) और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक और पत्र लिखा है. इस बार उन्होंने मध्य वर्ग की समस्याओं को उठाया है और कोरोना संक्रमण से जूझ रही जनता को राहत देने की मांग की है. इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने कई सलाह भी दी हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा है कि सरकार जनता को बुरे हालात में छोड़ने के बजाय जन कल्याणकारी कदम उठाए. पत्र में कांग्रेस महासचिव ने लिखा है कि इलाज के लिए लोग कर्ज ले रहे हैं. निजी अस्पतालों में इलाज की जनहितैषी कीमतें तय हों, सरकार लोगों को मुआवजा दे. साथ ही उन्होंने मांग की है कि महंगाई पर रोक लगे और बिजली की दर न बढ़ें, जनता त्रस्त है. व्यापारियों और दुकानदारों को तत्काल राहत दी जाए.
प्रियंका गांधी के 5 सुझाव
उन्होंने लिखा है कि पूरे प्रदेश से निजी अस्पतालों द्वारा आम जनता से इलाज के लिए मोटी रकम वसूलने की शिकायतें भी आई हैं. अपने मरीजों के लिए परेशान लोग भारी-भरकम बिल चुकाने के लिए कर्ज ले रहे हैं और जैसे-तैसे करके पैसा जुटा रहे हैं. निवेदन है कि निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर इलाज के लिए सुविधा के हिसाब से उचित और जनहितैषी कीमतें निर्धारित की जाएं. ताकि अस्पताल को आर्थिक नुकसान न हो और न ही आम जनता के शोषण की गुंजाइश हो.
प्रदेश में महंगाई पर नियंत्रण के लिए और वस्तुओं का दाम बांधने केलिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि इस बंदी के समय लोगों को घर चलाने में दिक्कत न हो.
प्रदेश की जनता को बिजली बिलों में राहत मिलनी चाहिए लेकिन एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ाए जाने की खबरें आ रही हैं. कृपया ऐसा न करें.
अभिभावकों पर स्कूलों में हर महीने फीस जमा करने का दबाव है. स्कूलों के सामने भी शिक्षकों को वेतन देने आदि का संकट है. प्रदेश सरकार को एक खाका तैयार कर फीस में छूट देने और स्कूलों का आर्थिक मदद का पैकेज देने की व्यवस्था करनी चाहिए.
बंदी की मार झेल रहे प्रदेश के व्यापारी अज्ञैर दुकानदार साथियों को राहत देने के लिए एक खाका तैयार किया जाए, जिसके जरिए उन्हें करों और शुल्क में थोड़ी राहत दी जाए.