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Kerala: पिनराई विजयन की कैबिनेट में ‘सुपर वुमन’ केके शैलजा को नहीं मिली जगह, जानिए क्या है कारण

kk shailja

केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को पिनराई विजयन की कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है. पिनराई की कैबिनेट का सबसे अहम चेहरा होने के बाद भी इस बार उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया गया है.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा इन दिनों केरल का चेहरा बन चुकी है. कोविड मैनेजमेंट को लेकर हर तरफ उनकी तारीफ होती रही है. दरअसल मंत्री बनने से पहले शैलजा कन्नूर में फिजिक्स की टीचर थीं, लेकिन कोरोना काल में टीचर से मंत्री बनी शैलजा को लोग सुपर वुमन के नाम से बुलाते हैं. वहीं वो एलडीएफ का सबसे बड़ा चेहरा मानी जाती रही हैं, लेकिन पिनराई विजयन के कैबिनेट में इस बार केके शैलजा का नाम नहीं होने से सब लोग हैरान रह गए हैं.

केरल में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है, लेकिन सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस बार फिर से एलडीएफ यानी लेफ्ट नीत पिनराई विजयन की सरकार बनी है, इस बार कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है. जबकि पहले कहा गया था कि 20 मई को बनने वाली नई कैबिनेट में शैलजा भी रहेगी और स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर वह काम करती रहेगीं. जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल में शैलजा ने जो काम किया उसी का नतीजा रहा कि  एलडीएफ की उम्मीदवार और केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने मत्तनूर विधानसभा सीट पर लगभग 60 हजार वोटों से जीत दर्ज की. पिछले साल जैसे ही भारत में कोरोना ने पांव जमाने शुरू किए थे उसी दौरान शैलजा ने केरल में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बेहतरीन कार्य किया था. इससे पहले केके शैलजा ने निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भी काफी अच्छा काम किया था.

मंत्री शैलजा को क्यों मिला सुपर वुमन का टैग?

पिछले साल जब केरल के त्रिसूर में कोविड का पहला केस आया तब शैलजा ने हर दिन ब्रीफिंग शुरू कर दी थी और काफी करीब से उन्होंने पूरे हालात को मॉनिटर किया था. साथ ही उन्होंने पब्लिक हेल्थ सेक्टर को जिस कदर संभाला वो काबिले तारीफ था. यही वजह है कि  लोग उन्हें शैलजा टीचर और सुपर वुमन के नाम से बुलाते हैं.

कैबिनेट में शैलजा को क्यों नहीं मिली जगह?

वहीं अब पिनराई सरकार का मंत्री शैलजा को कैबिनेट में भर्ती ना करना हर किसी लिए चौकाने वाली खबर बन गई है. बताया जा रहा है कि  नई कैबिनेट में दो महिलाओं को मुख्य पोर्टफोलियो दिए जाएंगे. वहीं 140 विधानसभा सीट में से एलडीएफ ने 99 सीटें जीती हैं. जिसमें सीपीआईएम 62 और सीपीआई 17, जिसकी मुख्य वजह राज्य में स्वास्थ्य सेक्टर में अच्छा काम रहा है.

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