पणजी. गोवा (Goa) में ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Crisis) से मरीजों की मौत के मामले बढ़ रहे हैं. गोवा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Goa Medical College Hospital) में भी कोरोना मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां भर्ती आठ और कोरोना मरीजों की शनिवार को ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण अब तक कुल 83 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है.
सामने आई जानकारी के अनुसार इनमें से सर्वाधिक मौतें देर रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुई हैं. वहीं अस्पताल के अधिकांश डॉक्टर्स का कहना है कि ये मौतें ऑक्सीजन संकट के कारण नहीं, बल्कि कोरोना के कारण हुए निमोनिया से हुई हैं.
यही बात गोवा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एसएम बांडेकर ने भी कही. उनके अनुसार इन मौतों का कारण सीधे तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई में बाधा नहीं हो सकता, बल्कि अधिकांश मरीजों की मौत निमोनिया से हुई है. इसके इलाज में ऑक्सीजन की जरूरत होती है.
लेकिन नर्स और मरीजों के परिजनों ने जानकारी दी है कि पूरी रात ऑक्सीजन की उपलब्धता में अस्थिरता देखने को मिली थी. अस्पताल की ओर से तैयार ऑक्सीजन के सेंट्रल पाइपलाइन के लॉग से यह पता चला है कि अस्पताल के 13 वॉर्ड में ऑक्सीजन की कमी हुई थी. सबसे लंबे अंतराल के लिए ऑक्सीजन की कमी वॉर्ड 149 में हुई थी. वहां यह 90 मिनट तक रही थी.
अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि हालांकि वहां मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर्स के कारण अधिक संख्या में होने वाली मौतों को रोका जा सका है.
गोवा मेडिकल कॉलेज में हुई कोरोना मरीजों की मौत के मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई में कमी को इन मौतों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने इससे पहले हाल ही में बयान दिया था कि गोवा मेडिकल कॉलेज में 26 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई थी. उन्होंने इसकी जांच के लिए हाईकोर्ट से आग्रह किया था.