शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में 48 कोविड समर्पित अस्पतालों में अब तक एक लाख से अधिक कोरोना मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ पाया है। इनमें रिकवरी दर 73.4 फीसद रही है। इन अस्पतालों में मरीजों को मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 5895 डी-टाइप आक्सीजन सिलेंडर और 1839 बी-टाइप आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, जबकि प्रदेश में 3989 रेमडेसिविर इंजेक्शन भी उपलब्ध हैं। विभिन्न जिलों में उपलब्ध कोविड बिस्तरों की संख्या लगभग 3291 है, जिनमें 264 आइसीयू बिस्तर, 2324 आक्सीजनयुक्त बिस्तर और 703 सामान्य बिस्तर हैं।
विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध इन बिस्तरों में आइसीयू बिस्तरों पर 207, आक्सीजनयुक्त बिस्तरों पर 1900 और सामान्य बिस्तरों पर 189 मरीज दाखिल हैं। कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में 48 अस्पतालों को कोविड समर्पित अस्पतालों के रूप में चिन्हित किया है। इनमें सरकारी व निजी क्षेत्र के अस्पताल शामिल हैं। चिन्हित अस्पतालों में हजारों चिकित्सक, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी दिन-रात कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सेवाएं दे रहे हैं।
टीका है महामारी से बचने का उपाय
प्रधान सचिव राजस्व विभाग सुभाषीश पांडा का कहना है कोरोना महामारी से बचने का एकमात्र उपाय टीका लगवाना है। संक्रमण से बचाव का कोई दूसरा उपाय नहीं है। जिस तरह से वायरस के कई म्यूटेंट सामने आ रहे हैं, ऐसे में वैक्सीन ही एकमात्र जरिया है बचाव का, इसलिए किसी अफवाह में न आएं, जितना जल्दी हो सके वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचें। कोरोना से बचने के लिए मैंने और मेरे परिवार ने वैक्सीनेशन करवा ली है। मैं समझता हूं कि सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना चाहिए। जितना जल्दी अधिकाधिक वैक्सीनेशन होगी कोरोना का खतरा घटता चला जाएगा। टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों को बुखार भी आता है, जिन्हें दवाएं दी जाती हैं। टीका लगवाने के लिए घर से निकलने से पहले अच्छी तरह से मास्क पहनना न भूलें। संकोच छोड़कर वैक्सीन लगवाएं और स्वयं के साथ समाज को सुरक्षित बनाएं