Jharkhand

रांची: बिरसा मुंडा म्यूजियम में नशेड़ियों का उत्पात, JCB और खड़ी गाड़ियों में की तोड़फोड़

रांची की पुरानी जेल को केंद्र सरकार के सहयोग से बिरसा मुंडा म्यूजियम के रूप में विकसित किया जा रहा है. निर्माणाधीन परिसर के आसपास की बस्तियों में रहने वाले नशेड़ियों की वजह से निर्माण सामग्री की हो रही चोरी.

रांची. झारखंड की राजधानी रांची की पुरानी जेल या यूं कहे निर्माणाधीन बिरसा मुंडा म्यूजियम (Birsa Munda Museum) में इन दिनों नशेड़ियों और चोरों का जमावड़ा है. ये नशेड़ी निर्माणाधीन परिसर से धड़ल्ले से रॉ मैटेरियल उठा ले जा रहे हैं. बीते दिनों जब यहां के सिक्योरिटी गार्ड ने इन्हें रोकने की कोशिश की, तो नशेड़ियों ने जमकर बवाल काटा. आरोपियों ने जेसीबी मशीन में तोड़फोड़ के साथ ऑफिस के भी शीशे को तोड़ डाला. साथ ही गार्ड के साथ भी मारपीट की. इसके बाद पूरे मामले को लेकर लोअर बाजार थाने में शिकायत की गई है.

रांची की पुरानी जेल को बीजेपी की सरकार ने बिरसा मुंडा म्यूजियम के रूप में विकसित कराने का निर्णय लिया गया था. 13 एकड़ में प्रस्तावित इस पार्क को केंद्रीय सहायता से संग्रहालय बनाने का काम किया जा रहा है. भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का निर्माण कुल 27 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 25 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी है. राज्य सरकार भी जेल के संरक्षण कार्य में लगभग दो करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इस राशि से जेल परिसर को म्यूजियम के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. इस म्यूजियम का उद्देश्य है कि आनेवाली पीढ़ी को अपनी विरासत और धरोहर की जानकारी मिल सके.

जेसीबी सहित परिसर के अंदर जमकर तोड़फोड़

निर्माणाधीन म्यूजियम के आसपास की बस्तियों में रहने वाले नशेड़ियों ने इन दिनों इस जगह को अपना अड्डा बना रखा है. नशेड़ी शाम ढलते ही इस परिसर में आ धमकते हैं. अगर पैसे कम पड़े तो परिसर में रखी निर्माण सामग्री की चोरी कर लेते हैं. यहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स ने कई बार इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बीते दिनों इसी क्रम में नशेड़ियों ने यहां जमकर बवाल काट दिया. परिसर की देखरेख के काम में लगे विकास कुमार सिंह ने बताया कि जब नशेड़ियों को चोरी करने से रोका गया तो वे मारपीट करने लगे.
थाने मे दर्ज हुआ मामला

पूरे मामले को लेकर लोअर बाज़ार थाने में शिकायत की गई है. पुलिस फिलहाल मामले के अनुसंधान में जुटी है. हालांकि, परिसर में निर्माण कार्य होने की वजह से कोई सीसीटीवी नहीं है, जिस कारण आरोपियों की निशानदेही में पुलिस को थोड़ी मुश्किलों का सामना जरूर करना पड़ रहा है.

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