वास्तु शास्त्र: ज्योतिष शास्त्र में राहु को पाप और क्रूर ग्रह माना गया है. राहु के कारण ही दुर्घटना- घटना होती हैं. ऐसे में इनके प्रभाव को कम करने के लिए वास्तु शास्त्र में कुछ उपाय बताये गए हैं. आइये जानें विस्तार से.
Vastu Tips: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक़, राहु को पाप और क्रूर ग्रह माना जाता है. इनके प्रभाव से व्यक्ति में पागलपन आता है, घर में अशांति हो जाती है, लक्ष्मी घर से पलायन कर जाती है, जिसके चलते घर परिवार कर्ज में डूब जाता है. राहु के कारण ही घटना-दुर्घटना के योग बनते हैं. लाल किताब के अनुसार, घर में शौचालय और सीढियां जैसे कुछ ऐसे स्थान ऐसे होते हैं, जहां राहु का प्रभाव होता है. इन स्थानों पर अगर गंदगी होती है तो राहु नाराज होते हैं. इससे घर में कई अशुभ फल मिलते हैं. आइये जानें राहु से संबंधित कुछ खास बातें.
- घर का टॉयलेट या शौचालय यदि टूटा-फूटा है, गंदा है, बदरंग है या खराब है तो इससे राहु का नकारात्मक प्रभाव घर पर पड़ता है. जिसके कारण घर में रोग-दोष, दुःख और शोक का जन्म होता है. इस लिए राहु के कुप्रभाव से बचने के लिए शौचालय को हमेशा साफ व स्वच्छ रखना चाहिए.
- शौचालय कभी भी ईशान कोण पर नहीं बनाना चाहिए. यदि यह गलती से भी इस दिशा में बन गया है तो भी यह बहुत ही धनहानि और अशांति का कारण बनेगा. शौचालय में बैठने की व्यवस्था यदि दक्षिण या पश्चिम मुखी है तो उचित होगा.
- राहु के अशुभ फल से बचने के लिए शौचालय को स्वच्छ, साफ, सुन्दर और सूखा रखना चाहिए. इसमें सुगन्धित वातावरण रखना चाहिए. इससे राहु का दोष नहीं होगा. राहु के दोष से बचने के लिए शौचालय के किसी कोने में कर्पूर का एक टुकड़ा या खड़ा नमक को एक कांच के कटोरे में रख दें.
- राहु का दूसरा स्थान सीढियों पर होता है. सीढियां यदि टूटी फूटी है या गंदगी से युक्त है. तो राहु सक्रिय हो जाते हैं और यह जीवन में उथल-पुथल मचा देते हैं. इससे शत्रु सक्रिय हो जाते हैं और व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है.
- घर में सीढियों को पूर्व से पश्चिम या उत्तर से दक्षिण दिशा में बनवानी चाहिए. कभी भी उत्तर-पूर्व में सीढियां नहीं बनवानी चाहिए. यदि किसी कारण वश सीढियां गलत दिशा में बन गई है तो इसे हमेशा साफ़-सुथरा रखना चाहिए.
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