व्हाट्सएप ने कोर्ट से कहा है कि यदि भारत में उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी ब्लॉक की जाती है तो इस फैसले से अन्य कंपनियां भी प्रभावित होंगी।
व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू हो रही है और उससे पहले 13 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में सरकार और व्हाट्सएप की पेशी है। उससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर दाखिल हुई याचिका पर कहा है कि तमाम इंटरनेट आधारित एप की वही पॉलिसी है जो हमारी है। बिग बास्केट, कू, ओला ट्रूकॉलर, जोमैटो और आरोग्य सेतु एप भी यूजर्स का डाटा लेते हैं।
Inc42 की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप ने 5 मई को कोर्ट में एफिडेविट दिया है जिसमें अन्य एप्स द्वारा लिए जा रहे यूजर डाटा की आलोचना की गई है। व्हाट्सएप ने अपने एफिडेविट में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जूम और रिपब्लिक वर्ल्ड का भी नाम लिया है जो कि रिपब्लिक टीवी का डिजिटल वेंचर है।
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रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप ने कोर्ट से कहा है कि यदि भारत में उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी ब्लॉक की जाती है तो इस फैसले से अन्य कंपनियां भी प्रभावित होंगी। व्हाट्सएप का दावा है कि यदि उसके खिलाफ फैसला आता है तो भारत में सेवाएं दे रहे ग्रोसरी एप और ऑनलाइन डॉक्टर के अप्वाइंटमेंट दिलाने वाले एप्स भी प्रभावित होंगे।
बता दें कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर व्हाट्सएप ने कहा है कि यह सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है। सिर्फ बिजनेस अकाउंट से होने वाली चैटिंग को व्हाट्सएप पढ़ेगा और पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ साझा करेगा। नई पॉलिसी का निजी चैट से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके अलावा व्हाट्सएप ने यह भी कहा है कि वह 15 मई के बाद भी यूजर्स को पॉलिसी स्वीकार करने के लिए नोटिफिकेशन भेजता रहेगा, हालांकि अकाउंट डिलीट नहीं करेगा। कुछ दिनों बाद यूजर्स एप के कुच फीचर्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। मसलन मैसेज का नोटिफिकेशन मिलेगा, लेकिन मैसेज पढ़ नहीं पाएंगे।