बताया जा रहा है कि ये वेंटिलेटर (Ventilators) एजीवीए हेल्थ केयर (AgVa Healthcare) द्वारा पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के तहत कॉलेज को दिए गए थे. डॉक्टरों का कहना है कि यह वेंटिलेटर एक या दो घंटे के इस्तेमाल के बाद अपने आप ही बंद हो जाते हैं.
चंडीगढ़. पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) की ओर से पंजाब में भेजे वेंटिलेटर्स (Ventilators) को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गए हैं. जहां केंद्र सरकार ने पंजाब को दिए 809 वेंटिलेटर्स के इस्तेमाल के बारे में पत्र लिखकर पूछा था, वहीं अब फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Guru Gobind Singh Medical College and Hospital) प्रबंधन का कहना है कि पीएम केयर्स फंड के तहत भेजे गए 80 वेंटिलेटरों में से 62 खराब हैं. बताया जा रहा है कि ये वेंटिलेटर एजीवीए हेल्थ केयर (AgVa Healthcare) द्वारा पीएम केयर्स फंड के तहत कॉलेज को दिए गए थे. डॉक्टरों का कहना है कि यह वेंटिलेटर एक या दो घंटे के इस्तेमाल के बाद अपने आप ही बंद हो जाते हैं.
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी (Baba Farid University) के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर का कहना है कि अस्पताल में इस समय 42 वेंटिलेटर सही हालत में हैं. पीएम केयर फंड वाले 62 वेंटिलेटर खराब पड़े हैं. जिसके बारे में कंपनी से भी बात हो चुकी है. उन्होंने जल्द ही तकनीकी स्टाफ भेज कर इन्हें ठीक करवाने का आश्वासन भी दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने उन्हें 10 नए वेंटिलेटर खरीदने की इजाजत दी है.
उधर एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में पीएम केयर्स फंड से भेजे गए 809 वेंटिलेटरों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों ने इन्हें स्थापित करने को लेकर पंजाब सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वेंटिलेटर्स को स्थापित करने के लिए सरकार के पास तकनीकी स्टाफ उपलब्ध नहीं है. इस बीच पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन (Chief Secretary Vini Mahajan) ने खराब वेंटिलेटर की मरम्मत के लिए इंजीनियरों और तकनीशियनों को काम पर रखने की मंजूरी दे दी है. राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि दस नए वेंटिलेटर अस्पताल को प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किए जाएंगे.