Heavy Rain in Himachal: पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से हिमाचल में बदला मौसम का मिजाज नए रिकॉर्ड बना सकता है. सोलन में 13 वर्षों बाद मई में बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है. 1998 में मई में 83 मिलीमीटर बारिश हुई थी. यह अभी तक की सबसे अधिक मई में हुई बारिश है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश बीते 24 घंटे से लगातार रूक-रुक कर बारिश हो रही है. आलम यह है कि कई इलाकों में भारी बारिश (Rain) होने से बरसात के सीजन का एहसास हुआ है. नदी-नाले (River-canal) अपने चरम पर हैं. वहीं, कई इलाकों में नुकसान की भी खबरें हैं. बुधवार दोपहर को सूबे में जमकर मेघ बरसे हैं. इसके अलावा, गुरुवार सुबह भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो रही है.
बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आई है. शिमला (Shimla) में तापमान गिरा है और ठंड महसूस की जा रही है. इससे पहले, बुधवार को शिमला, कुल्लू और सिरमौर जिलों में भारी ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कुल्लू की सैंज घाटी में बुधवार को दोपहर बाद भारी बारिश के साथ आंधी चली और ओलावृष्टि से सेब के साथ मटर, गोभी, जौ-गेहूं को भारी नुकसान हुआ है. सिरमौर के पच्छाद क्षेत्र की मानगढ़ पंचायत के करीब एक दर्जन गांवों में भारी ओलावृष्टि से सब्जियों के साथ फलदार पौधों को भारी नुकसान पहुंचा है. टमाटर और शिमला मिर्च की फसल तबाह हो गई.
कांगड़ा जिले का हाल
कांगड़ा के दुगर्म क्षेत्र बड़ा भंगाल की जोतों में सैकड़ों भेड़पालक भेड़-बकरियों के साथ फंस गए हैं. पिछले वर्षों में मार्च में बर्फबारी थमने के बाद अप्रैल तक ये जोतों से नीचे उतर आते थे. इस बार मई में भी जारी बर्फबारी के चलते भेड़पालक फंस गए हैं. भूस्खलन से चंबा-पठानकोट एनएच ढाई घंटे बंद रहा. मंडी में चंडीगढ़ मनाली हाईवे भी बुधवार को भूस्खनल के चलते बंद हो गया था. सूबे में गुरुवार को भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इसी बीच कांगड़ा, धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सुंदरनगर में झमाझम बादल बरसे.
कैसा रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने गुरुवार को भी मैदानी और मध्य पर्वतीय जिलों में भारी बारिश, अधंड़ और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा में 15 मई और अन्य क्षेत्रों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर व लाहौल स्पीति में 17 मई से मौसम साफ होने का पूर्वानुमान है. इससे पहले, बीते चौबीस घंटे में धर्मशाला में 65 एमएम, मंडी में 26 एमएम, कांगड़ा में 20, पालमपुर में 20, सैंज में 15, शिमला के नारकंडा में 12, सुंदरनगर में 10, कुल्लू के भुंतर में 6 एमएम और डलहौजी में 5 एमएम बारिश हुई है.
मंडी में हाईवे पर भूस्खलन
मंडी में भारी बारिश के कारण बुधवार को सात मील के पास पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण हाईवे बंद रहा. मलबा गिरने का वीडियो भी सामने आया है. हालांकि अब हाईवे को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है. मंगलवार रात करीब 10 बजे सात मील के पास पहाड़ी से काफी मलबा और चट्टानें गिरकर हाईवे पर आ गई. बुधवार को सुबह मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया और साढ़े 9 बजे इसे यातायात के लिए बहाल कर दिया गया, लेकिन दिन के समय हुई मूसलाधार बारिश के कारण हाईवे से फिर से भारी मात्रा में मलबा हाईवे पर आ गया. अब हाईवे बहाल कर दिया गया है. हालांकि, खतरा टला नहीं है.
सोलन में टूट सकता है बारिश का रिकॉर्ड
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से हिमाचल में बदला मौसम का मिजाज नए रिकॉर्ड बना सकता है. सोलन में 13 वर्षों बाद मई में बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है. 1998 में मई में 83 मिलीमीटर बारिश हुई थी. यह अभी तक की सबसे अधिक मई में हुई बारिश है. इस वर्ष 11 मई तक ही सोलन में 75 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो चुकी है. बुधवार को बिलासपुर में अधिकतम तापमान 33.4, ऊना 33.0, हमीरपुर 32.6, कांगड़ा 31.8, सुंदरनगर 30.4, सोलन 29.3, चंबा 28.9, नाहन-भुंतर 26.5, धर्मशाला 25.6, शिमला 22.1, कल्पा 18.8, डलहौजी 18.2 और केलांग में 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ.