Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके बताया है कि कोरोना काल से पहले प्रदेश में नए विधानसभा भवन, राजभवन, मुख्यमंत्री निवास समेत सभी नए निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाती है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन सभी बड़े निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी, तो बीजेपी ने इसे सरकार का दो कदम आगे चलकर चार कदम पीछे चलने वाला फैसला करार दिया है. वहीं कांग्रेस ने भी पूर्व सीएम के मार्फत पीएम से सेंट्रल विस्ता के बारे में पूछा है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, मंत्री और अधिकारियों के आवास, सर्किट हाउस सहित तमाम बड़े निर्माणों पर तत्काल रोक लगा दी है. साथ ही नवा रायपुर के प्रस्तावित नया विधानसभा भवन के लिए जारी टेंडर भी निरस्त कर दिया गया है. इस मसले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि हमारे नागरिक हमारी प्राथमिकता है. कोरोना काल से पहले प्रदेश में इन निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया था जो आज संकट के समय में इन सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाती है.
मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद सत्ताधारी दल के प्रवक्ता आरपी सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को टैग कर पीएम मोदी से पूछ लिया की क्या अब सेंट्रल विस्ता पर रोक लगेगी. सरकार के इस फैसले पर जहां कांग्रेसियों की बांझे खिली हुई है. वहीं बीजेपी ने इसे सरकार का दो कदम आगे चल कर चार कदम पीछे चलने वाला फैसला करार दिया है.
भले ही राज्य सरकार ने कोरोना संकटकाल में मितव्यतता का हवाला देकर इन बड़े निर्माण कार्यों पर रोक लगाई हो. मगर सरकार के इस फैसले पर सियासत पूरी तरह से गरमा गई है. बीजेपी के प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है और ऐसे संकटकाल में लोगों के साथ खड़ा होना सरकारों का धर्म है. मगर राज्य सरकार के फैसले को दो-चार कदम बताने वाले बीजेपी के नेता पहले यह बताएं कि इस संकट काल में जहां एक ओर लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत है, गंगा नदी में लाशें प्रवाहित हो रही है और दूसरी ओर सेंट्रल विस्ता का निर्माण क्यों चल रहा है?
कोरोना संकटकाल में निर्माणाधीन भव्य राजभवन हो, मुख्यमंत्री आवास हो या फिर विधानसभा या फिर देश का सेंट्रल विस्ट्रा. सवाल यह है कि मानवजाति पर कोरोना के संकट की बीच इस भव्य व्यवस्था के बदले आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया जाता तो आज संभवत: देश और प्रदेश की ऐसी हालत शायद नहीं होती. बहरहाल देखना होगा कि सियासतदानों के इस देश में कांग्रेस सरकार के इस कदम का कैसे जवाब दिया जाता है.