Vastu for Direction: यदि आप घर बनवाने जा रहें हैं तो यह अवश्य जान लें कि वास्तुशास्त्र में किस दिशा का क्या महत्त्व होता है? मुख्य रूप से चारों दिशाओं पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण तथ इन चारों के बीच के कोण.
Vastu Tips {Vastu Shastra}: हर व्यक्ति का यह सपना होता है कि वह अपने सपनों का घर बनाए. अपने सपने को पूरा करने के लिए समर्पित और कार्यशील लोगों का यह सपना पूरा भी होता है. परन्तु इनमें से कुछ लोग ऐसे भी होते है जो अपने सपनों का घर बनवाते तो जरूर हैं. लेकिन उनमें कुछ अनजाने वश कुछ वास्तु दोष रह जाता है. जो उनके घर- परिवार का सुख चैन छीन लेता है इस लिए जब कभी भी घर बनवाएं तो हमें वास्तु शास्त्र का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
वास्तुशास्त्र के अनुसार, चार मुख्य दिशाएं पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और उत्तर हैं. इनके मध्य स्थान को कोण कहा जाता है. ऐसे में चार कोण भी होते हैं, जिनमें दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व कोण मौजूद हैं. वहीं, दो आकाश और पाताल दिशाएं भी कही गई हैं. ऐसे में देखा जाए तो वास्तुशास्त्र में कुल मिलाकर 10 दिशाएं होती हैं.वास्तु शास्त्र के अनुसार कोई दिशा अशुभ नहीं होती है. आइये जानें इन दिशाओं का क्या महत्व है?
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पूर्व दिशा: पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा का भंडार माना गया है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, इसे देव की दिशा माना गया है. भगवान की पूजा करने, या शिक्षा से संबंधित कार्य करने के लिए पूर्व दिशा या ईशान कोण बहुत उत्तम होता है. घर बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूर्व दिशा या ईशान कोण में भगवान का मंदिर रखें जाएँ. तथा बच्चों का अध्ययन कक्ष भी इसी दिशा में रखा जाये. इससे बच्चों का शैक्षिक विकास होता है और मां लक्ष्मी की कृपा घर परिवार पर बरसती है.
पश्चिम दिशा: वास्तु के अनुसार, पश्चिम मुखी स्थान उस काम के लिए उत्तम होता है जहां आप सुपर मार्केट रसायनिक सामान आदि से संबंधित भवन का निर्माण करवा रहें हों. ऐसे स्थान पर सुपर मार्केट के कार्य में विकास होता है. हानि होने की गुंजाइश कम रहती है.
उत्तर दिशा: वास्तुशास्त्र में उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है. इस दिशा में दुकान या किसी ऐसे प्रतिष्ठान को खोला जाना उत्तम होता है जहां पर क्रय- बिक्रय से संबंधित कार्य किये जाएं.इस दिशा में तिजोरी का दरवाजा खुलना बहुत शुभ होता है.
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दक्षिण दिशा: यह दिशा में भारी कारखाना, आग और बिजली से संबंधित कोई कार्य शुरू करने के लिए भवन का निर्माण करना बहुत ही शुभ माना गया है. क्योंकि वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण दिशा में भारी सामान आदि रखना उत्तम माना जाता है.