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Covid-19: कोरोना में स्वाद और गंध आना क्यों खत्म हो जाती है? जानिए क्या इशारा करते हैं ये लक्षण

कोरोना से संक्रमित लोगों के अचानक टेस्ट और स्मैल चले जाते हैं. बहुत सारे लोगों को ये समस्या होती है. हालांकि इसे माइल्ड लक्षणों में माना जाता है. गंभीर मरीजों में ये लक्षण कम ही देखा गया है.

कोरोना के दूसरे म्यूटेशन के बाद अब कई नए लक्षण मरीजों में देखने को मिल रहे हैं. हालांकि बहुत सारे लोगों को अभी भी स्वाद और गंध के एकाएक चले जाने की समस्या हो रही है. हालांकि फ्लू होने पर भी स्वाद और गंध आना कम हो जाता है लेकिन कोरोना में से संक्रमित लोगों में ये एकदम अलग होता है. कोरोना के मरीजों को स्मैल आना अचानक से बंद हो जाती है. कोरोना के मरीज को बिल्कुल भी गंध या स्वाद नहीं आता है. हालांकि अगर आपको लंबे समय तक ये लक्षण रहता है तो ये काफी गंभीर भी हो सकता है. 

कोरोना और फ्लू में स्वाद-गंध जाने में अंतर 
जुकाम या फ्लू होने पर करीब 60% लोगों की सूंघने की शक्ति कम हो जाती है कई लोगों के स्वाद पर भी इसका असर पड़ता है. लेकिन इसमें आपको तेज गंध वाली चीज में गंध आ सकती है. वहीं कोरोना के मरीजों को ऐसा नहीं हो रहा है. इनकी गंध जाने पर इनके सामने कितनी तेज गंध की चीज रखी जाए, तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. ये कोरोना के शुरुआती लक्षण हैं.

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सूंघने और स्वाद की क्षमता क्यों चली जाती है?
कोरोना में स्वाद और गंध के जाने के बारे में अलग अलग स्टडीज में अलग-अलग जानकारी सामने आई है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का वायरस नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से स्वाद और गंध महसूस करने की क्षमता खत्म हो जाती है. म्यूकस प्रोटीन थ्योरी के मुताबिक कोरोना वायरस जब हमारी बॉडी में घुसने की कोशिश करता है, तो कोशिकाएं यानि होस्ट सेल में ACE2 नाम के प्रोटीन से जुड़ता है. ये प्रोटीन मुंह और नाक में बहुत पाया जाता है. ऐसे में वायरस इस पर हमला करता है और गंध स्वाद दोनों चले जाते हैं. कई रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि ये वायरस तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है जिससे गंध और स्वाद महसूस नहीं होता है. 

कोरोना के माइल्ड होने का भी लक्षण 
इटली, फ्रांस, बेल्जियम में 2581 मरीजों पर एक अध्ययन हुआ था जिसमें पता चला है कि जिनको कोरोना माइल्ड अवस्था में रहता है उनमें से 86 प्रतिशत लोगों ने स्वाद और गंध जाने की समस्या बताई है. गंभीर या मॉडरेट वाले केवल 4 से 7 प्रतिशत लोगों में ही स्वाद और गंध जाने के लक्षण दिखे हैं. इसलिए इसे कोरोना का हल्का लक्षण माना जाता है. मरीजों को रिकवर होने के बाद स्वाद और गंध वापस आने लगती है. 

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कब खतरनाक होता है गंध या स्वाद जाना 
वैसे तो इससे कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन कुछ लोगों को इस समस्या की वजह से खाने-पीने का मन नहीं करता है. कई लोगों को अच्छे और खराब खाने में भी फर्क करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कई बार सावधान रहने की भी जरूरत हो जाती है. आप मुश्किल में भी पड़ सकते हैं जैसे गैस का लीकेज की समस्या होने पर भी आपको उसकी गंध नहीं आएगी. इससे मनोवैज्ञानिक असर भी हो सकते हैं. 

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