Rajasthan

Big News: कोरोना काल में CM गहलोत ने वरिष्ठ नागरिकों को दी बड़ी राहत, अब कहीं से भी ले सकेंगे फ्री दवाइयां

Ashok Gehlot gave big relief to Senior citizens: सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना काल में प्रदेश के बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है. इसके तहत अब वरिष्ठ नागरिक अब मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत कहीं से भी फ्री दवाइयां ले सकेंगे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना काल (Corona era) में वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान की है. अब वरिष्ठ नागरिकों (Senior citizens) को राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर मुख्यमंत्री निशुल्क योजना से दवाइयां (Medicines) उपलब्ध कराई जाएंगी. वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर वित्त विभाग (Finance Department) ने इसके आदेश जारी किये हैं.

दरअसल राज्य सरकार के संज्ञान में आया था कि वरिष्ठ नागरिक एवं अन्य रोगी जिनकी chronic Diseases को नियमित दवाएं चलती हैं वे COVID-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण ना तो अस्पताल जा पा रहे हैं और ना ही राजकीय चिकित्सक से परामर्श प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 10 अप्रैल 2021 या उसके बाद के राजकीय चिकित्सकीय परामर्श (prescription) के आधार पर नियमित दवाएं मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. चिकित्सकीय परामर्श की पर्ची की दवा राज्य के किसी भी अस्पताल / सीएचसी / पीएचसी से प्राप्त की जा सकती है.

राज्य के सभी दवा विक्रेताओं को दिए निर्देश

इसके साथ ही राजस्थान राज्य के समस्त कैमिस्टों को निर्देश दिये गये हैं कि 10 अप्रैल 2021 के बाद के चिकित्सकीय परामर्श (prescription) के आधार पर जो दवायें मरीज को नियमित रूप से दिया जाना आवश्यक हो वो उपलब्ध कराई जायें. इसके साथ ही चिकित्सकीय परामर्श पर्ची (prescription) पर “दवा उपलब्ध करवा दी गई” लिखते हुए अपनी मुहर भी लगाया जाना सुनिश्चित किया जाये. प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अखिल अरोड़ा के आदेश के अनुसार उक्त आदेश राज्य में लॉकडाउन समाप्त होने पर स्वतः ही निष्प्रभावी हो जायेंगे.
वरिष्ठ नागरिक कर रहे थे मांग

कोविड-19 के कारण वरिष्ठ नागरिक अस्पताल नहीं जा पा रहे थे. इसकी वजह से उन्हें दवाइयां मिलने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संज्ञान में जब यह मामला सामने आया तो उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मामले को देखने की बात कही थी.

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