Rajasthan News: शिक्षा योजना के तहत राज्य में हेल्थ केयर ट्रेड संचालित 332 स्कूलों में स्थापित प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर उपलब्ध है. यहां मौजूद है 393 ऑक्सीजन सिलेंडर में से 167 सिलेंडर भरे हुए हैं, जबकि 220 सिलेंडर खाली है. इनमें 376 छोटे और 17 बड़े सिलेंडर शामिल है.
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की मारामारी देखने को मिल रही है. राजधानी से लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रतिदिन बढ़ते कोरोना केस के कारण ऑक्सीजन संकट गहराया हुआ है. कई अस्पतालों में फिलहाल ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं हैं, लेकिन इसमें अपना सहयोग करते हुए राज्य के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की प्रयोगशालाओं में रखे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर मरीजों के उपचार में काम लेने का फैसला किया है.
इस लिहाज से तमाम जिला शिक्षा अधिकारियों और स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि वह अपनी उपलब्धता सरकार को बताएं. इसमें यह सामने आया है कि व्यावसायिक शिक्षा योजना के तहत राज्य में हेल्थ केयर ट्रेड संचालित 332 स्कूलों में स्थापित प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर उपलब्ध है. यहां मौजूद है 393 ऑक्सीजन सिलेंडर में से 167 सिलेंडर भरे हुए हैं, जबकि 220 सिलेंडर खाली है. इनमें 376 छोटे और 17 बड़े सिलेंडर शामिल है.
मौजूदा कोविड संकट को देखते हुए अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की मांग के मद्देनजर स्कूल की प्रयोगशालाओं के उपलब्ध ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों को जिला प्रशासन से समन्वय करके उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं. ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का रिकॉर्ड से परिषद को अवगत कराने के लिए भी कहा गया है.
जानकारी के मुताबिक, राज्य में करीब छह सौ मिट्रिक टन की आवश्यकता है और फिलहाल करीब ढाई सौ मिट्रिक टन की ऑक्सीजन राज्य को उपलब्ध हो पा रही हैं. स्कूलों के गैस सिलेंडर से भले थोड़ी सी राहत मिल सके, लेकिन जरूरत के वक्त यह भी बहुत अमुल्य होती हैं.