अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: गुजरात में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी व नकली इंजेक्शन बेचने के आरोप में विवेक महेश्वरी को तीन दिन के रिमांड पर सौंपा गया। उधर, पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले दो डॉक्टर व उनकी एक साथी महिला को भी गिरफ्तार कर लिया। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान गुजरात में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कालाबाजारी व जमाखोरी के कई मामले सामने आ रहे हैं। गुजरात पुलिस ने करीब दो दर्जन मामले दर्ज कर अब तक सात लोगों की धरपकड़ की, लेकिन राज्य में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वह इंजेक्शन की कालाबाजारी और जमाखोरी के और भी कई मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस ने अहमदाबाद के सोला इलाके से सूरत के दो डॉक्टर मिलन शुक्रिया तथा कीर्ति कुमार दवे को इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार किया। इस काले कारोबार में इनका साथ देने वाली जुहापुरा की रहने वाली रूही नामक एक महिला को भी पुलिस ने पकड़ लिया।
उधर पुलिस ने राज्य में नकली इंजेक्शन बनाकर बेचने के मामले में विवेक माहेश्वरी नामक एक युवक को गिरफ्तार किया था, जिसे मेट्रो कोर्ट ने तीन दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस का आरोप है कि विवेक नकली इंजेक्शन बनाने में उनको बेचने की साजिश का मुख्य सूत्रधार है। पुलिस ने उसके पास से 146 नकली इंजेक्शन भी जप्त किए थे तथा पुलिस को आशंका है कि उसने बड़ी मात्रा में इंजेक्शन गुजरात के अन्य शहरों में भी छिपा रखे हैं। विवेक फार्मेसी कंपनियों से कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवा को खरीद कर उन्हीं से रेमडेसिविर के इंजेक्शन बनाकर अपने लड़कों के जरिए बाजार में बेच दिया करते थे। पुलिस ने वडोदरा में नकल इंजेक्शन बनाने का सामान्य किया है तथा उसको आशंका है कि धीरे पूरे गुजरात में नकल इंजेक्शन का कारोबार रहा था। पुलिस विवेक की कॉल डिटेल की भी जांच कर रही है, ताकि राज्य में उसके संपर्क पता चल सके इसके अलावा उसकी ओर से अहमदाबाद सूरत वडोदरा के अलावा अन्य किन शहरों में यह इंजेक्शन बेचे गए और नकली इंजेक्शन कहां-कहां छुपा रखे हैं, उसकी जानकारी भी पुलिस जुटाएगी। सोला पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक जेपी जाडेजा ने बताया कि डॉक्टर सुतरिया एवं डॉक्टर कीर्ति दवे अहमदाबाद में बतौर नर्स कार्यरत रूही पठान से इंजेक्शन मंगाकर मरीजों को ऊंची कीमत पर बेचते थे। इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पकड़े गए गांधीधाम के जैसा नामक व्यक्ति से पता चला कि काला बाजार में 12000 में खरीदे हुए इंजेक्शन 35000 तक में मरीजों को बेचा करते थे
कोरोना के प्रबंधन का कार्य सेना को सौंप देना चाहिएः नीतीश व्यास
अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व गुजरात कांग्रेस के महामंत्री नीशित व्यास ने गुजरात में कोरोना महामारी का प्रबंधन कार्य सेना को सौंप देने की मांग की है। व्यास ने मेडिकल उपकरण दवा वह इंजेक्शन को कर मुक्त करने की भी बात कही। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को लिखे अपने पत्र में कांग्रेस नेता नीशित व्यास ने कहा है कि कोरोना की प्रथम लहर के बाद सरकार को अस्पताल में बेड ऑक्सीजन इंजेक्शन कथा आइसोलेशन के लिए नए कोविड केयर सेंटर का निर्माण कई करना चाहिए था उसके बजाय रूपाणी सरकार कांग्रेस विधायकों को तोड़ने खरीदने तथा स्थानीय चुनाव में की पार्टी को जिताने में व्यस्त रही। सरकार ने इस दौरान सी प्लेन उड़ाने, केवड़िया में गार्डन के डेवलपमेंट तथा मनोरंजन के साधन बढ़ाने को प्राथमिकता दी। प्रदेश में अपनी राजनीतिक ताकत को बढ़ाने की रूपाणी सरकार की लालसा के कारण आम आदमी ऑक्सीजन इंजेक्शन के साथ अस्पताल में बेड के लिए भी लाचार बना हुआ है। कोरोना की प्रथम लहर के बाद सरकार के पास प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं तथा साधनों को बढ़ाने का पर्याप्त समय था लेकिन सरकार ने पूरा समय व धन स्वास्थ्य सेवाओं के बजाय दूसरे कामों पर खर्च कर दिया।
व्यास ने मुख्यमंत्री रूपाणी को सलाह दी है कि स्वास्थ्य सेवाओं का कार्य सेना को सौंप दिया जाना चाहिए तथा सरकार को मेडिकल उपकरण दवा इंजेक्शन आदि पर टैक्स माफ करने की घोषणा कर देनी चाहिए। उनका कहना है कि मनोरंजन के लिए जब कई फिल्मों को टैक्स फ्री कर दिया जाता है तो राज्य के नागरिकों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा इंजेक्शन व उपकरणों को भी सस्ता करने के लिए सरकार को इन्हें टैक्स मुक्त कर देना चाहिए। उनका कहना है कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के कारण आम आदमी का रोजगार वह काम धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सरकार को मध्यम वर्ग में निम्न वर्ग के लोगों की समस्या ध्यान में रखकर उचित कदम उठाना चाहिए। इन वर्गों को राहत देने के लिए सरकार को स्वास्थ्य उपकरण व साधनों के साथ सैनिटाइजर व मास्क भी टैक्स फ्री कर देना चाहिए, ताकि गुजरात के हर परिवार को इस कोरोना 5000 से 25000 रुपये तक की बचत होगी। निशीत व्यास का यह भी आरोप है कि सरकार कोरोना के प्रबंधन में पूरी तरह विफल साबित हुई है, इसलिए राज्य में कोरोना के प्रबंधन का कार्य सेना को सौंप देना चाहिए।