भारतीय क्रिकेटरों को सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है. कोविशील्ड लेना सिर्फ उन्हीं क्रिकेटरों के लिए जरूरी है जो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड सीरीज का हिस्सा हो सकते हैं.
नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2021) का 14वां सीजन समय से पहले ही समाप्त हो गया. अब भारतीय खिलाड़ियों को अगले महीने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेलने इंग्लैंड जाना है. उससे पहले भारतीय खिलाड़ी अपने परिवार के साथ समय बिता सकेंगे. इस बीच यह चर्चा जोरों पर है कि भारतीय खिलाड़ी इंग्लैंड जाने से पहले कोरोना वायरस का टीका ले सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय खिलाड़ी संभवत: कोविशिल्ड का टीका लेंगे. भारत सरकार ने एक मई से 18 साल के ऊपर के लोगों को भी टीका लगाना शुरू कर दिया है, इससे भारतीय खिलाड़ी भी इसके दायरे में आ गए हैं. पहले कहा गया था कि भारतीय खिलाड़ियों को आईपीएल के बीच में ही खिलाड़ियों को टीका लगेगा, लेकिन आईपीएल स्थगित होने के चलते यह योजना खटाई में पड़ गई.
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल में जाने से पहले क्या बीसीसीआई की भारतीय क्रिकेटरों को टीका लगाने की कोई योजना है? इस पर सौरव गांगुली ने कहा, ”अब उनके पास वक्त है. वे व्यक्तिगत तौर पर अपना वैक्सीनेशन करवा सकते हैं, क्योंकि राज्य सरकारें यह कर रही हैं. सभी खिलाड़ी अपने-अपने घर चले गए हैं, इसलिए यही आसान और सही तरीका है.” हालांकि खिलाड़ियों को सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है. कोविशील्ड लेना सिर्फ उन्हीं क्रिकेटरों के लिए जरूरी है जो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड सीरीज का हिस्सा हो सकते हैं. अगर भारतीय खिलाड़ी यहां कोविशील्ड का पहला डोज भारत में लेते हैं तो उनके पास दूसरा डोज लेने का समय नहीं होगा. चूंकि कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन है तो इंग्लैंड में रहने के दौरान भारतीय खिलाड़ी इसका दूसरा डोज ले सकते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, ‘यह सलाह दी जाती है कि खिलाड़ी भारत में कोविशील्ड लें क्योंकि यह एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई वैक्सीन (यूके का उत्पाद) है. उन्हें इंग्लैंड में दूसरी डोज मिल सकती है.’
बता दें कि कोविड-19 टीकाकरण गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना वायरस के किसी भी टीके के दो डोज लेना अनिवार्य है. अगर किसी ने कोवैक्सिन का पहला डोज लिया है तो उसे दूसरा डोज भी कोवैक्सिन का ही लेना होगा. इसलिए भारतीय खिलाड़ियों को कोविशील्ड टीका लगाने के लिए कहा गया है. भारतीय टीम करीब चार महीने इंग्लैंड में रहेगी तो ऐसे में वहां वह आसानी से कोविशील्ड का दूसरा डोज ले सकती है.