प्रदेशभर के 27000 पंचायत सहायकों में से अभी तक 7 पंचायत सहायकों की कोरोना में ड्यूटी करते समय मौत हो गई.
Jaipur: इस कोरोना वैश्विक महामारी (Corona global epidemic) में कोरोना वॉरियर्स हताहत हो रहे हैं, दिनों-दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.
इसी दौर में प्रदेशभर के 27000 पंचायत सहायकों में से अभी तक 7 पंचायत सहायकों की कोरोना में ड्यूटी करते समय मौत हो गई. कागजों में उनको 50 लाख का बीमा राज्य सरकार की ओर से देय है, लेकिन अभी तक पंचायतीराज विभाग (Panchayati Raj Department) ने इन्हें कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर तक नहीं माना है, जबकि यह लोग कोरोना वैक्सिनेशन, सर्वे दल, चेक-पोस्ट, चिरंजीवी योजना में धरातल पर दिन-रात एक किये हुए हैं.
पंचायतराज विभाग ने सरकार को भेजा ही नहीं प्रपोजल
संघ के संयोजक रामजीत पटेल ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि हमारी इन समस्याओं पर जल्द गौर नहीं किया तो हम इस महामारी में तो अपनी निस्वार्थ भाव से सेवाएं देंगे लेकिन हम सरकार से मानदेय नही लेंगे, यही हमारा विरोध है. राजस्थान के तमाम पंचायत सहायक संविदा पर लगे हैं और सरकार ने तमाम संविदा कर्मियों को फ्रंट वर्कर्स मानते हुए 50 लाख तक का बीमा करवाया है. लेकिन पंचायती राज विभाग की तरफ से अभी तक कोई भी प्रपोजल सरकार को नहीं भेजा है, इसलिए हमारी मांग है कि जल्द से जल्द विभाग सरकार को प्रपोजल भेजें.
मानदेय वृद्वि का आदेश कब निकलेगा
इसी प्रकार इनके साथ राशन डीलर और लोग शामिल हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. हमारा मानदेय वृद्धि का आदेश की अब तक जारी नहीं हुआ है जबकि यह अप्रैल से लागू होना था, यह नाकामी पंचायती राज विभाग के ढीले रवैये को दर्शाती है.